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Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद की कार्बन डेटिंग पर फैसला रखा सुरक्षित, 21 जुलाई को आएगा आदेश

Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक और वैज्ञानिक जांच करने यानी कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट 21 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी। मई में अदालत काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित पूरे […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 14, 2023 18:53
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Gyanvapi Mosque
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Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक और वैज्ञानिक जांच करने यानी कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट 21 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी।

मई में अदालत काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वेक्षण के लिए एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हुई थी। कोर्ट ने हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका स्वीकार कर ली थी।

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विष्णु जैन की याचिका पर विचार करने के बाद अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति को हिंदू पक्ष द्वारा दी गई दलीलों पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब कार्बन डेटिंग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

 

वैज्ञानिक जांच से ही हल होगा विवाद

ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हमने वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की मांग अदालत के सामने रखी थी। जिस पर आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से जांच के द्वारा ही इस विवाद का हल किया जा सकता है।

वहीं, वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि जिला अदालत ने आज दोनों पक्षों को सुना और ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर 21 जुलाई के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

कार्बन डेटिंग क्या है?

किसी इंसान के जन्म के साल के आधार पर उसकी उम्र का पता लगाना आसान है। लेकिन किसी वस्तु या पौधों, मृत जानवरों या जीवाश्म अवशेषों की उम्र पता करना जटिल काम है। डेटिंग सदियों से मौजूद वस्तुओं के इतिहास या विभिन्न प्रजातियों के विकास की प्रक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कार्बन डेटिंग उम्र निर्धारित करने में कैसे मदद करती है?

जैसे ही पौधे, जानवर और मनुष्य मरते हैं, वे सिस्टम में कार्बन-14 का संतुलन बंद कर देते हैं, क्योंकि कार्बन का अवशोषण नहीं रह जाता है। इस बीच, जमा हुआ कार्बन-14 क्षय होने लगता है। वैज्ञानिक, आयु स्थापित करने के लिए कार्बन डेटिंग की बची हुई मात्रा का विश्लेषण करते हैं।

कार्बन के अलावा, पोटेशियम-40 भी एक ऐसा तत्व है जिसका विश्लेषण रेडियोधर्मी डेटिंग के लिए किया जा सकता है। पोटेशियम-40 का आधा जीवन 1.3 अरब वर्ष है, इसी प्रकार यूरेनियम -235 जिसका आधा जीवन 704 मिलियन वर्ष है और थोरियम -232 जिसका आधा जीवन 14 अरब वर्ष है। इसका उपयोग चट्टान जैसी वस्तुओं के भूगर्भिक आयु का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Jul 14, 2023 06:43 PM

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