Weather Forecast: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के लिए 7 और 8 जुलाई 2025 को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इन दो दिनों में उत्तरकाशी में कुछ स्थानों पर अति तीव्र बारिश होने की संभावना है, जिसके कारण आवश्यक सेवाएं बाधित हो सकती हैं और आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इस चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रहने और तत्परता बरतने के निर्देश दिए हैं।
बढ़ सकता है नदियों का जलस्तर
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 7 और 8 जुलाई 2025 को उत्तरकाशी जिले में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ मूसलाधार बारिश की संभावना है। इस दौरान तेज हवाएं, मेघगर्जन और बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।
उत्तरकाशी में पहले भी मानसून के दौरान भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके चलते प्रशासन ने इस बार विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया है। यह बारिश चारधाम यात्रा मार्गों, खासकर गंगोत्री हाइवे को प्रभावित कर सकती है, जिससे तीर्थयात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
विभागों में अलर्ट जारी
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने मौसम की इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मुख्यालय पर उपस्थित रहने और मोबाइल फोन चालू रखने के निर्देश दिए हैं। बिना उनकी पूर्व अनुमति के मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाई गई है। प्रशासन ने सावधानी, सुरक्षा और आवागमन पर नियंत्रण बरतने पर जोर दिया है ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। किसी भी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में तुरंत स्थलीय कार्रवाई करने और सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने के लिए भी कहा गया है। तहसील कंट्रोल रूम को 24 घंटे कार्यशील रखने और पर्याप्त मानव संसाधन की तैनाती करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
भूस्खलन से निपटने के लिए की गईं तैयारियां
सीमा सड़क संगठन (BRO), राष्ट्रीय राजमार्ग खंड (बड़कोट), लोक निर्माण विभाग (भटवाड़ी, उत्तरकाशी, बड़कोट, पुरोला), और पीएमजीएसवाई को सड़कों के बाधित होने की स्थिति में तत्काल सुचारू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संवेदनशील स्थानों जैसे रतूड़ीसेरा, बंदरकोट, नेताला, भाटूकासौड़, और ओजरी में पर्याप्त मशीनरी और मजदूरों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। इन क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना को देखते हुए विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि यातायात बाधित न हो।
इमरजेंसी सेवाएं न हो पाएं बाधित
जल संस्थान और विद्युत विभाग को पेयजल और बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में तत्काल बहाली सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। भारी बारिश के कारण बिजली लाइनें टूटने या पेयजल योजनाएं प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए, इन विभागों को पहले से संसाधन तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन की तैयारी
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), अग्निशमन विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी पुलिस चौकियों, थानों, और तहसीलों को आपदा प्रबंधन उपकरणों और पुलिस वायरलेस सेटों को कार्यशील स्थिति में रखने के निर्देश दिए गए हैं। तहसील कंट्रोल रूम को 24 घंटे कार्यशील रखने और पर्याप्त मानव संसाधन की तैनाती करने के लिए कहा गया है ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने निवासियों और यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की है। लोगों को नदियों और नालों के किनारे जाने से बचने, खुले मैदानों में न रुकने, और पेड़ों के नीचे शरण न लेने की सलाह दी गई है। चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए। भूस्खलन और बाढ़ के खतरे को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सिफारिश की गई है। स्थानीय लोगों को अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
क्या है मानसून की स्थिति?
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। 7 और 8 जुलाई को न केवल उत्तरकाशी, बल्कि देहरादून, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, और टिहरी जैसे अन्य जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। हाल के दिनों में उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसके चलते आपदा प्रबंधन विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तरकाशी में पहले से ही गंगोत्री हाइवे जैसे प्रमुख मार्ग भूस्खलन के कारण बाधित हो चुके हैं, और इस बारिश से स्थिति और गंभीर हो सकती है।