UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर (Ghazipur) जिले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को गुरुवार को एक मामले में कोर्ट की ओर से दोषी ठहराया गया। गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुए मुकदमे के तहत उन्हें 10 साल की जेल और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यह आदेश विशेष जज एडीजे दुर्गेश पांडेय ने दिया। बता दें कि गाजीपुर में एक पुलिस अधिकारी पर हमले करने के मामले में पांच बार के विधायक पर वर्ष 1996 के मुकदमा दर्ज किया गया था।
ईडी भी कर रही है मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले बुधवार को प्रयागराज की एक अदालत में पेश किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने पिछले साल भी इस मामले में उनसे पूछताछ की थी।
मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा हुई, गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी करार pic.twitter.com/PjxC7RDeXt
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बता दें कि मुख्तार अंसारी पिछले कई वर्षों से यूपी की बांदा जेल में अलग-अलग आपराधिक मामलों के संबंध में बंद हैं। पुलिस की ओर से उनके पूछताछ भी की जा रही है।
जेलर को धमकाने में हुई थी सात साल की सजा
जानकारी के मुताबिक इसी साल 21 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ से भी मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के आरोप में मुख्तार को सात साल कैद की सजा सुनाई है।
खंडपीठ के न्यायमूर्ति डीके सिंह ने ये आदेश प्रदेश सरकार की ओर से की गई अपील को मंजूरी देते हुए दिया था। कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में सजा और जुर्माना लगाया है। इसके अलावा करीब 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
हाल ही में कुर्क की गई हैं सात संपत्ति
मुख्तार अंसारी के खिलाफ कुल 49 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें जमीन हड़पने, हत्या और जबरन वसूली के आरोप शामिल हैं। हत्या और हत्या के प्रयास समेत कई मामलों में भी चल रहे हैं। इसी साल की शुरुआत में ईडी ने मुख्तार अंसारी की 1.48 करोड़ रुपये (रजिस्ट्री मूल्य) की सात अचल संपत्तियों को कुर्क किया था।
अगस्त में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास और गाजीपुर, मऊ और लखनऊ के भी कई स्थानों पर भी छापेमारी की थी।