UP News: उत्तर प्रदेश (UP News) के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के जेपी ग्रींस सोसायटी में एक झील में तेल रिसाव के कारण सैकड़ों मछलियां और अन्य जलीय जीव मर गए हैं। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने यहां फंसे मिले 5 हंसों को बचाया है। अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जेपी ग्रींस के 25 एकड़ क्षेत्र के अंदर है झील
अधिकारियों के अनुसार जेपी ग्रींस सोसायटी के अंदर स्थित 25 एकड़ की झील में किसी ने एक गैलन तेल डाला गया था। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि ये तेज किसी ने जानबूझ कर डाला है, या फिर अनजाने में यह काम हुआ है। साथ ही अधिकारी झील में तेल के आने का स्रोत भी खोज रहे हैं।
अधिकारियों ने बुलाई एनजीओ की टीम
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने मौके पर मौजूद हंसों और अन्य पक्षियों को बचाने के लिए ग्रेटर नोएडा के एनिमल शेल्टर स्मार्ट सेंचुरी से एक टीम को बुलाया। बताया गया है कि तालाब में आए तेल के कारण सैकड़ों जलीय जीव और मछलियां मर चुकी थीं। एनजीओ की कावेरी राणा भारद्वाज ने बताया कि झील में तेल की एक मोटी परत जमने के कारण पक्षी उसमें फंस गए थे।
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फंसे हुए पक्षियों ने खुद को घायल किया
कावेरी राणा भारद्वाज ने बताया कि हंसों को चोटें आई हैं, क्योंकि वे अपनी चोंच से खुद को तेल निकालने की कोशिश कर रहे थे। एनजीओ की ओर से मौके पर एक पशु चिकित्सक को भी बुलाया गया है। उनकी देख-रेख में पक्षियों का इलाज चल रहा है। एनजीओ के पदाधिकारियों ने पक्षियों को एक खास शैम्पू से साफ भी किया है।
जेपी ग्रींस के अधिकारी बोले- हमें पता नहीं
बता दें कि यह घटना अधिकारियों के संज्ञान में उस वक्त आई, जब स्थानीय लोगों ने झील में मछलियों समेत अन्य जीवों को मरा हुआ देखा और पक्षियों को फंसा हुआ पाया। वहीं जेपी ग्रींस की संपत्ति की रखवाली करने वाले अधिकारियों ने बताया कि उन्हें नहीं पता, पानी में तेज कहां से आया।
वन विभाग ने दिए जांच के आदेश
वहीं फॉरेस्ट रेंजर नंदिनी भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि हमारे आदेश के बाद झील की सफाई की जा रही है। मेंटेनेंस टीम के मुताबिक उन्होंने इस झील में तेल नहीं गिराया है, लेकिन हमने मामले की जांच करने को कहा है। चूंकि उस क्षेत्र में कोई सीसीटीवी नहीं है, इसलिए असली अपराधी का पता लगाना मुश्किल है।