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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

उत्तराखंड के लिए UCC मसौदा तैयार; अब राज्य सरकार तय करेगी ‘आगे की कहानी’

Uttarakhand UCC: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने अपना मसौदा तैयार कर लिया है। मसौदा तैयार करने वाली समिति का कहना है कि जल्द इसे छपने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे सरकार को सौंपा जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह घोषणा उस विशेषज्ञ […]

Author Published By : Naresh Chaudhary Updated: Jun 30, 2023 17:42
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Uttarakhand UCC: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने अपना मसौदा तैयार कर लिया है। मसौदा तैयार करने वाली समिति का कहना है कि जल्द इसे छपने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे सरकार को सौंपा जाएगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह घोषणा उस विशेषज्ञ समिति ने की है, जिसे पिछले साल समान नागरिक संहिता पर मसौदा तैयार करने के लिए नियुक्त किया गया था। समिति ने बताया कि रिपोर्ट राज्य मंत्रिमंडल के पास जाएगी। इसके बाद तय होगा कि इसे राज्य विधानमंडल में पेश किया जाए या नहीं।

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उत्तराखंड यूसीसी ने कहा कि मसौदा तैयार करने में पूरी सावधानी बरती गई है। इसका उद्देश्य सभी वर्गों में समानता और सम्मान लाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें यूसीसी के पक्ष में महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाएं मिली हैं, हालांकि कुछ विरोधी विचार भी व्यक्त किए गए है।

मौसेदे में आंकड़ों का विश्लेषण भी शामिल है

समिति ने कहा कि उन्होंने सभी प्रकार की राय को ध्यान में रखा है और चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे समेत विभिन्न कानूनों और असंहिताबद्ध कानूनों पर गौर किया है। विशेषज्ञ पैनल ने कहा है कि मसौदे में आंकड़ों का विश्लेषण भी शामिल है।

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इसमें बताया गया कि उत्तराखंड की कुल जनसंख्या करीब एक करोड़ है। इनमें से 2.31 लाख से ज्यादा लोगों से लिखित सुझाव मिले है। समिति ने कहा है कि यह एक सैंपल साइज है, जिस पर विशेष विचार किया गया है। इसके अलावा समिति ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित प्रथाओं की बारीकियों को समझने की भी कोशिश की है।

समिति ने इन मुद्दों पर चर्चा को भी शामिल किया

समिति ने कहा है कि उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों से भी सलाह ली गई है। शादी की उम्र और सहमति की उम्र जैसे मुद्दों पर विचार किया गया है। लिव-इन, एलजीबीटी और बाल विवाह जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा भी इसमें शामिल है।

भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष ने विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से बातचीत का अनुरोध किया था। यह बातचीत 2 जून, 2023 को हुई थी, जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश हैं समिति की अध्यक्ष

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन पर एक मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसकी अध्यक्ष (सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश) रंजना प्रकाश देसाई सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश हैं।

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First published on: Jun 30, 2023 05:42 PM

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