उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दो दिनों में रुद्रप्रयाग और चंपावत में पांच से अधिक कार्यक्रमों में शिरकत की। इसके बाद गुरुवार को वह ऊधम सिंह नगर और चंपावत में चार से अधिक कार्यक्रमों में गए। कई स्थानों पर जनता ने सीएम धामी को स्मृति स्वरूप गदा भेंट की।
मुख्यमंत्री धामी ने भी हवा में गदा लहराकर स्पष्ट संदेश दिया कि जो भी उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता और शांति के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा।
4 महीने तक आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में जुटे रहने के बाद अब मुख्यमंत्री धामी का यह दौरा विकास, जनसंवाद और जनविश्वास का संदेश लेकर निकला है। इन कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ ने विपक्ष के सभी दावों और नकारात्मक राजनीति को ध्वस्त कर दिया है।
दरअसल, दावा है कि धामी सरकार ने न केवल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में ठोस कार्य किए हैं, बल्कि जनभावनाओं की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। चाहे वह धर्मांतरण और लव जिहाद पर सख्त कानून बनाना हो या नकल माफिया पर प्रहार कर युवाओं का विश्वास लौटाना।
पार्टी ने बताया कि विपक्ष जहां अभी भी पुरानी राजनीति के फंदे में उलझा हुआ है, वहीं धामी जनता के बीच सीधे संवाद और ठोस काम की भाषा बोलते हैं। दावा किया गया कि जनता का उनके प्रति उमड़ता समर्थन संकेत दे रहा है कि अब उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र जनता की भावनाएं हैं, और जनता के दिल में धामी बसते हैं।
सीएम धामी की यही लोकप्रियता अब प्रदेश की सीमाओं को लांघ चुकी है। कर्नाटक, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा या महाराष्ट्र जहां भी चुनाव हुए, भाजपा आलाकमान की पहली पसंद पुष्कर सिंह धामी रहे हैं। अब यही विश्वास बिहार चुनाव में भी देखने को मिलेगा, जहां उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है।