मोनिस अजीज, श्रावस्ती
श्रावस्ती जिले में प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित मदरसों पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कई दिनों से लगातार अभियान चल रहा है। अब तक 17 मदरसों को सीज कर दिया गया है। यह कार्यवाही खासतौर पर इंडो-नेपाल बॉर्डर के सीमावर्ती इलाकों में चल रही है। तहसील भिनगा और जमुनहा के SDM की अगुवाई में मदरसों की जांच हो रही है। जिन मदरसों के पास सही कागजात नहीं पाए गए, उन पर ताले लगा दिए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति और कागजी दस्तावेजों के मदरसे नहीं चलने दिए जाएंगे।
पुराने मदरसे भी आए कार्रवाई की चपेट में
इस अभियान में कई पुराने और बड़े मदरसे पर भी कार्रवाई की गई है। बनगई बाजार में 1974 से चल रहा एक पुराना मदरसा भी बंद कर दिया गया है। वहां अरबी और उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई अब रुक गई है। प्रशासन का कहना है कि इस इलाके में कई मदरसे बिना सरकारी मंजूरी के चल रहे थे, इसलिए अब उन पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस कार्रवाई से मदरसा चलाने वालों में घबराहट फैल गई है। कई लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर अपनी चिंता भी जताई है।
बिना मान्यता के चल रहे थे सैकड़ों मदरसे
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक श्रावस्ती जिले में कुल 297 मदरसे हैं, जिनमें से 192 मदरसे बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। शनिवार और रविवार को दो दिनों के भीतर 7 मदरसे बंद कर दिए गए। यह ऑपरेशन 15 किलोमीटर के दायरे में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में किया गया। प्रशासन ने 119 अवैध कब्जों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी देवेंद्र राम ने बताया कि कई मदरसे किराए के मकानों, अधूरी इमारतों और निजी घरों में गुपचुप तरीके से चल रहे थे।
जिला प्रशासन की सख्त नीति और आगे की योजना
जिला अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के निर्देश पर अवैध मदरसों के खिलाफ यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए राजस्व अधिनियम की धारा 67 के तहत कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि जिन मदरसों के पास वैध कागजात नहीं हैं, उन्हें तुरंत बंद कराया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए वैध और मान्यता प्राप्त संस्थानों को मजबूत किया जाएगा। फिलहाल प्रशासन का यह अभियान श्रावस्ती जिले के अन्य हिस्सों में भी जारी रहेगा।