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पीएम मोदी और सीएम योगी की बहनों की क्यों हो रही चर्चा, जानें नीलकंठ महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व

Narendra Modi Yogi Adityanath Sisters Meeting: पीएम नरेंद्र मोदी की बहन वसंतीबेन ने सीएम योगी की बहन शशि देवी से मुलाकात की। सोशल मीडिया दोनों के गले मिलने का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दोनों गर्मजोशी से एक-दूसरे गले मिलते हुए देखी जा सकती हैं। लोग दोनों की सादगी की चर्चा कर रहे हैं। […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Aug 9, 2023 12:36
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PM Modi and CM Yogi Sisters
PM Modi and CM Yogi Sisters

Narendra Modi Yogi Adityanath Sisters Meeting: पीएम नरेंद्र मोदी की बहन वसंतीबेन ने सीएम योगी की बहन शशि देवी से मुलाकात की। सोशल मीडिया दोनों के गले मिलने का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दोनों गर्मजोशी से एक-दूसरे गले मिलते हुए देखी जा सकती हैं। लोग दोनों की सादगी की चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि पीएम मोदी की बहन इन दिनों की नीलकंठ धाम की तीर्थयात्रा पर हैं। इस दौरान जब उन्हें पता चला कि सीएम योगी बहन शशि देवी की दुकान पास में है। तो वे वहां पहुंची दोनों एक-दूसरे से गले मिले।

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ऋषिकेष की धार्मिक यात्रा पर है पीएम की बहन

दोनों नेताओं की बहनों के मिलने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी सुर्खिया बटोर रहा हैं। लोग इस पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। पीएम मोदी की बहन अपने परिवार के साथ ऋषिकेष की धार्मिक यात्रा पर है। इस दौरान वे दयानंद आश्रम में रूकीं हैं। यहां पर पीएम की बहन ने नीलकंठ महादेव मंदिर और भुवनेश्वरी देवी के दर्शन किए। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली की सीएम योगी की बहन की यहीं पर दुकान है तो वे उनसे मिलने पहुंची।

 

बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बहन एक प्रसाद की दुकान चलाती हैं। यहां पर पूजा की सामग्री मिलती है। पास ही उनके पति की छोटी सी चाय की दुकान हैं। सीएम योगी का परिवार उत्तराखंड के पौड़ी से ताल्लुक रखता हैं उनका परिवार अभी भी पंचूर गांव में रहता है।

एक नजर में नीलकंठ महादेव मंदिर

गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था। उसी समय उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा।

विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था। गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। अत्यन्त प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहाँ भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्नान करते हैं।

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First published on: Aug 05, 2023 11:39 AM

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