NRI wife gets death sentence: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक महिला को फांसी और उसके ब्वॉयफ्रेंड को उम्रकैद की सजा न्यायालय ने दी है। कोर्ट ने महिला पर 5 और आशिक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। खास बात यह है कि पति की हत्या की साजिश इंग्लैंड में रची गई थी, लेकिन वारदात को भारत में अंजाम दिया गया। आरोपी ब्वॉयफ्रेंड दुबई में रहता था। घटना 2016 की है, अब 7 साल बाद कोर्ट ने दोषियों के लिए सजा का एलान किया है।
यह भी पढ़ें-IMD Weather Update: 7 राज्यों में होगी भारी बारिश, उत्तर भारत में मौसम रहेगा शुष्क; जानें आपके शहर का हाल
पुलिस ने मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए थे। महिला ने बताया था कि दुबई और इंग्लैंड के मुकाबले उनको भारत की कानून व्यवस्था कमजोर लगती थी। इसलिए हत्या की प्लानिंग यहां की गई थी। अब एडीजे कोर्ट ने फैसला दिया है। वहीं, मृतक के घरवालों ने फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि न्याय मिल गया है। वे लोग कोर्ट से फांसी की मांग कर रहे थे। महिला ने पुलिस को बताया था कि उसको पति की दाढ़ी पसंद नहीं थी। वह उसको मारना चाहती थी।
तीसरी मंजिल पर किया गया था मर्डर
उसका पति लंदन में ट्रक ड्राइवर था। मूल रूप से सुखजीत शाहजहांपुर के बंडा के बसंतापुर गांव का रहने वाला था। उसका मर्डर 1 सितंबर 2016 को घर की तीसरी मंजिल पर गला रेतकर किया गया था। आरोपी महिला रमनदीप कौर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोप लगाया था। बाद में उसे और आशिक दुबई में रहने वाले मिट्ठू सिंह को काबू किया गया था। जिसके बाद मामला ट्रायल पर था।
मृतक और ब्वॉयफ्रेंड एक ही गांव के रहने वाले थे। दोनों दोस्त थे। लेकिन सुखजीत इंग्लैंड में अपनी बहन के पास नौकरी के लिए गया था। मिट्ठू दुबई चला गया था। इंग्लैंड में सुखजीत रमनदीप से मिला था। बाद में दोनों ने अफेयर के बाद मैरिज की थी। लेकिन रमनदीप के घरवाले इससे खुश नहीं थे। सुखजीत और रमनदीप की भेंट दुबई में मिट्ठू से हुई थी। जहां 6 दिन में रमनदीप और मिट्ठू में दोस्ती हो गई। इसके बाद मिट्ठू ने इंग्लैंड आना शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों में अफेयर का शक सुखजीत को हो गया।
रमनदीप ने चोरी से मिट्ठू को बुलाया था इंग्लैंड
इसके बाद रमनजीत ने मिट्ठू को कुछ दिन दूर रहने को कहा था। ताकि सुखजीत को शक न हो। इसके बाद रमनदीप ने चोरी से मिट्ठू को इंग्लैंड बुलाकर हत्या का प्लान बनाया था। बाद में सुखजीत और रमनदीप दुबई घूमने गए। जहां मिट्ठू से भी भेंट हुई थी। बाद में वहीं से भारत आए थे। यहां मिट्ठू भी 15 दिन के लिए आया। इसके बाद वापस जाते समय कार में उसको रमनदीप और सुखजीत छोड़ने गए थे। लेकिन यहां रमनदीप ने सुखजीत पर चाकू से हमला किया था। किसी तरह सुखजीत बच गया।
बाद में रमनदीप ने माफी मांग ली। मिट्ठू भी दुबई नहीं गया। सुखजीत ने घरवालों को भी अपनी चोट के बारे में शीशा लगने की बात कही। जिसके बाद रात को दोनों सोने के लिए ऊपर गए थे। यहां छत पर पहले से मिट्ठू वेट कर रहा था। सोने से पहले नशीली बिरयानी परिवार और कुत्तों को खिलाई गई थी। ताकि कोई शोर न कर सके। इसके बाद दोनों ने मिलकर हथोड़े और चाकू से सुखजीत का मर्डर कर दिया था।