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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Nanda Devi Peak Reopen: 40 साल बाद पर्वतारोहण के लिए खुलेगा नंदा देवी पर्वत, सरकार की क्या है तैयारी?

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से फिर से नंदा देवी पर्वत खोला जा सकता है। इसके लिए वन विभाग और पर्यटन प्रपोजल तैयार कर रहा है। 60 साल पहले चीन की जासूसी करने के लिए भारत ने एक मॉनिटरिंग टूल लगाने की कोशिश की थी। इसके कारण वहां पर खतरा पैदा हो गया था। तभी से पर्वतारोहण के जाने पर रोक लगा दी गई थी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Deepti Sharma Updated: Jul 18, 2025 13:28

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 40 साल बाद नंदा देवी पर्वत को पर्वतारोहण के लिए खोलने की तैयारियां चल रही है। भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) राज्य के पर्यटन और वन विभागों की मदद से एक ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। यह फैसला राज्य पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग होने के बाद लिया गया। यह फैसला पर्यटन और पर्वतारोहण को अच्छा अवसर मिल सके। 1983 से इस पर प्रतिबंध लगा हुआ था। फिलहाल, आईएमएफ ने नंदा देवी चोटी पर पर्वतारोहण की परमिशन देने का प्रपोजल फॉर्मल तरीके से पेश किया है।

देश भर से आते हैं तीर्थयात्री

उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, नंदा देवी पर्वत लोकल और तीर्थयात्रियों के लिए काफी ज्यादा खास महत्व रखता है। हर 12 साल में आयोजित होने वाली नंदा राज जात यात्रा में कई तीर्थयात्रियों को अपनी तरफ खींचती है। हालाकिं, पिस से उद्घाटन पर पर्वतारोहण समुदाय से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। चीन की जासूसी करने को लेकर भारत ने कुछ टूल्स लगाने की कोशिश की थी। बता दें, भारत और अमेरिका खुफिया एजेंसी ने नंदा देवी पर्वत पर निगरानी करने को लेकर जासूसी टूल लगाने का प्रयास किया था। जिस कारण वहां पर रेडियोएक्टिव रेडिएशन का खतरा हो गया था। तभी से सरकार ने इसे पूरी तरह से बंद कर दिया था।

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे आम लोगों के लिए नौकरी के नए अवसर मिलेंगे। इस क्षेत्र में विकास के लिए हर तरह से प्रयास किया जाएगा। हालांकि, पर्वतारोही तरुण महारा ने कहा कि इसमें अभी सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। वहां पर  अभी भी रेडिएशन की संभावना हो सकती है। क्योंकि वहां पर अभी रेडिएशन का जोखिम बना हुआ है।

क्या-क्या है तैयारियां? 

वन विभाग ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग ट्रैकिंग के लिए पोर्टल को लेकर काम चल रहा है। इसमें रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस को सरल बनाने को लेकर इस पर काम हो रहा है। इसके अलावा इसमें ट्रैकिंग रूटों पर काम किया जाएगा। ट्रैकरों के नंबर पर फिक्स करने पर भी बात हो रही है। वहीं, कुछ लोगों ने प्रस्ताव रखा है कि हर साल नेशनल लेवल पर टूरिज्म मीट का आयोजन होना चाहिए।

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First published on: Jul 18, 2025 11:20 AM

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