Metro Connectivity Noida to Ghaziabad: सबकुछ ठीक रहा और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) का प्रयास रंग लाया तो आने वाले कुछ वर्षों में नोएडा और गाजियाबाद के बीच सफर आसान हो जाएगा। मेट्रो के जरिये दोनों शहरों को जोड़ने के बाद दिल्ली के लोगों का सफर भी आसान होने वाला है।
दरअसल, जीडीए ने नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन को जोड़ने की योजना बनाई है। यह प्रस्ताव रंग लाया तो नोएडा से गाजियाबाद और मेरठ तक का भी सफर आसान हो जाएगा, क्योंकि रैपिडएक्स का संचालन जल्द शुरू होने जा रहा है और 2025 तक यह मेट्रो तक दौड़ने लगेगी।
जीडीए के अधिकारियों की मानें तो इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) से बातचीत चल रही है। कुछ वर्ष पहले नोएडा स्थित इलेक्ट्रॉनिक सिटी सेक्टर-62 मेट्रो और मोहन नगर मेट्रो स्टेशन को जोड़ने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन रही थी। प्रोजेक्ट को लेकर फंडिंग भी एक बड़ी समस्या थी, यही वजह थी कि इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका और यह योजना अधर में है।
नए प्रस्ताव पर बन सकती है सहमति
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस बार प्राधिकरण की ओर से बनाई गई योजना में तीन स्थानों के बजाय सिर्फ दो जगहों को जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके तहत नोएडा के सेक्टर-62 से साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन को जोड़ा जाएगा। इस रूट को लेकर प्राधिकरण अधिकारियों की डीएमआरसी के अधिकारियों संग वर्चुअल बैठक भी हो चुकी है।
रैपिडएक्स से भी जोड़ा जाएगा मेट्रो को
आने वाले कुछ समय में रैपिडएक्स का संचालन शुरू होना जा रहा है। दुहाई से साहिबाबाद के बीच जल्द ही यह रफ्तार भरने लगेगी। 2025 तक रैपिडएक्स दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ने लगेगी। इस लिहाज से साहिबाबाद को मेट्रो के जरिये जोड़ा जाना जरूरी है। इसके बाद मेरठ और दिल्ली से गाजियाबाद के साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी जुड़ जाएंगे।
प्रदेश सरकार पर निर्भरता बढ़ी
जीडीए के पास मेट्रो निर्माण के लिए बजट का अभाव है। इसके लिए वह शासन की ओर देख रहा है। बताया जा रहा है कि जीडीए चाहता है कि राज्य सरकार 50 प्रतिशत फंड अपनी ओर से दे, जिसके बाद निर्माण की बाधा अपने आप दूर हो जाएगी। केंद्र अपनी ओर से मेट्रो निर्माण के लिए सिर्फ 20 प्रतिशत अनुदान देता है। अगर राज्य सरकार 50 प्रतिशत और केंद्र 20 प्रतिशत अनुदान दे तो यह 70 प्रतिशत हो जाएगा, ऐसे में जीडीए के लिए 30 प्रतिशत फंड जुटाना कुछ खास मुश्किल काम नहीं होगा।