Gyanvapi Mosque ASI Survey: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण (Gyanvapi Mosque ASI Survey) के खिलाफ मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस प्रकाश पाडिया ने सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच के गठन का आदेश दिया है।
एएनआई के अनुसार, ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज अंजुमन इंतेजामिया ने अनुच्छेद 227 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें हमने सोमवार को एक कैविएट दायर की थी।
आज इसकी प्रति प्राप्त हुई, लेकिन हमें इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि मामले की अगली सुनवाई कब होगी। उन्होंने बताया कि एक बार फिर 1991 के मुकदमे में फैसला सुरक्षित रखा गया है। इस पर फैसला 28 अगस्त को सुनाया जाएगा।
#WATCH | "Today, Anjuman Intezamia has filed a petition under Article 227 in the Allahabad High Court in which we had filed a caveat and received its copy today, but we have no clarity as to when this matter will be taken for the hearing…And, once again the judgement has been… pic.twitter.com/BMXGw6UC4n
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 25, 2023
सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने कही थी ये बात
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले मंगलवार सुबह हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि 21 जुलाई, 2023 को पारित वाराणसी कोर्ट के आदेश में कोई कमजोरी या गलती नहीं है। जिला अदालत की ओर से पारित लिखित आदेश में एक सुरक्षा उपाय का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि संरचना (कथित शिवलिंग) को नुकसान पहुंचाए बिना सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।
अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हम कहेंगे कि इस सर्वेक्षण पर स्थगन आदेश पारित करने का कोई आधार नहीं है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट आज इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित कर सकता है, इसलिए हम भी यहां अपनी चिंताओं को रखने के लिए पहुंचे हैं।
राखी सिंह ने दायर की थी ये कैविएट
जानकारी के मुताबिक हिंदू पक्ष की ओर से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक कैविएट याचिका वकील सौरभ तिवारी के माध्यम से दायर की गई है। इसके अलावा श्रृंगार गौरी स्थल मामले में मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह भी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण के समर्थन में सामने आईं।
अपनी कैविएट में राखी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि अगर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति वाराणसी अदालत के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती देने के लिए उनके पास आती है, तो याचिकाकर्ता को सुने बिना अपना फैसला न दिया जाए।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
बता दें कि सोमवार (24 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि काशी विश्वनाथ मंदिरों से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश को 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक लागू नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ का कहना था कि इस बीच मस्जिद समिति अपनी याचिका के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकती है।