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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फिर गिरा प्लास्टर, अजनारा होम्स में 7 दिन में पांचवीं घटना

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाइराइज सोसायटीज में प्लास्टर गिरने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लाखों-करोड़ों रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूलने के बावजूद बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसियां बिल्डिंग की मरम्मत व संरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : praveen vikram Updated: Aug 2, 2025 13:13

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाइराइज सोसायटीज में प्लास्टर गिरने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लाखों-करोड़ों रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूलने के बावजूद बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसियां बिल्डिंग की मरम्मत व संरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही हैं। अजनारा होम्स सोसायटी में शुक्रवार को जी टावर के पास प्लास्टर का बड़ा हिस्सा बारिश के बाद नीचे आ गिरा। इसी दिन ओ टावर की लॉबी में भी फॉल्स सीलिंग का हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति उसकी चपेट में नहीं आया।

प्लास्टर गिरने की घटनाएं हुई आम
निवासियों का कहना है कि बीते एक सप्ताह में यह पांचवीं बड़ी घटना है, जिसमें सोसायटी के किसी न किसी टावर से प्लास्टर या अन्य निर्माण सामग्री का हिस्सा टूटकर गिरा है। इससे पहले बी टावर में गिरा प्लास्टर एक स्कूटी को नुकसान पहुंचा चुका है और एक बुजुर्ग बाल-बाल बचे थे।

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वसूली पूरी, सुविधा जीरो
निवासी दिनकर पांडेय ने बताया कि हजारों परिवारों की सुरक्षा को ताक पर रखकर प्रबंधन केवल पैसा वसूल रहा है। ओ टावर की लॉबी में शुक्रवार सुबह अचानक फॉल्स सीलिंग का बड़ा हिस्सा गिर गया। इसी दिन जी टावर के पास से भी प्लास्टर का भारी टुकड़ा ओपन एरिया में खड़ी गाड़ियों के पास गिरा। उन्होंने कहा कि यदि यही टुकड़ा किसी निवासी के सिर पर गिर जाता तो कौन जिम्मेदार होता।

महिला को लगी चोट
इसी तरह की एक घटना में रक्षा अडेला सोसायटी की एक महिला सुबह टहल रही थी। अचानक टावर के ऊपरी हिस्से से प्लास्टर का टुकड़ा गिरा और उनके पैर पर लगा। गनीमत रही कि चोट हल्की थी और जान का नुकसान नहीं हुआ।

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प्राधिकरण के आदेश हवाहवाई
निवासी चंदन सिन्हा ने बताया कि 20 मार्च को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर को तीन महीने में स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश दिया था। 5 महीने बीतने के बावजूद ऑडिट नहीं कराया गया। इससे साफ है कि बिल्डर और प्रबंधन में लोगों की जान की कीमत कोई मायने नहीं रखती।

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First published on: Aug 02, 2025 01:13 PM

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