मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्स वायरस समूह से संबंधित है, जिसमें चेचक का वायरस भी शामिल होता है। यह बीमारी इंसानों और जानवरों दोनों में हो सकती है और इसका फैलाव आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क से होता है। भारत भी एमपॉक्स को लेकर पिछले साल से ही पूरी सावधानी बरती जा रही है। मगर इस बीच यूपी के देवरिया जिले से इसका एक नया केस पाया गया, जो हाल ही में विदेशी यात्रा से लौटा था। आइए जानते हैं पूरा मामला और इस बीमारी के लक्षणों समेत बचाव के उपाय।
क्या है पूरा मामला?
देवरिया जिले के भाटपाररानी तहसील अंतर्गत पचरुखिया गांव से एक संभावित मंकीपॉक्स मामले की खबर सामने आई है। गांव का एक युवक, जो हाल ही में दुबई से लौटकर 26 अप्रैल को अपने गांव आया था, उसमें बीमारी के कुछ लक्षण दिखाई दिए। स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए युवक को तत्काल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां प्रारंभिक जांच के आधार पर उसे मंकीपॉक्स का संभावित मरीज मानते हुए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। मरीज को विशेष निगरानी में रखा गया है और संक्रमण की आशंका को देखते हुए उसके परिजनों को आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है।
मंकीपॉक्स के संकेत
मंकीपॉक्स को एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह अफ्रीकी देशों में पाई जाने वाली बीमारी थी, जिसके मामले कई देशों में मिलने लगे हैं। भारत में भी इसका नया और एक्टिव केस मिला है, जिसके बाद लोगों में एकबार फिर इसकी दहशत देखने को मिली है। ऐसे में हमें इसके संकेतों को समझना चाहिए। ये हैं संकेत:
- स्किन रैशेज, चेहरे से लेकर पूरे शरीर में लाल रंग के धब्बे या चकत्ते होना।
- सिरदर्द।
- गले में दर्द।
- मांसपेशियों में ऐंठन।
- शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकलना।
- बुखार।
- लिम्फ नोड्स में सूजन।
बचाव के उपाय
- वायरस से पीड़ित मरीजों के संबंध में आने से बचें।
- घर में कोई मरीज हो, तो उसे क्वारंटाइन कर दें।
- हाथों-पैरों को बार-बार धोएं।
- मास्क पहनें और संक्रमित इलाकों से दूर रहें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें, घर में भी सफाई जरूरी।
क्या है इलाज?
हालांकि, इसका इलाज संभव नहीं है। अभी बीमारी न हो इसके लिए बचाव जरूरी है। खुद का इलाज खुद न करें। डॉक्टर की मदद लें और उनके द्वारा बताए गए दवाओं व नियमों का पालन जरूर करें। बचाव के लिए वैक्सीन लगवा सकते हैं।
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