---विज्ञापन---

सपा का डर…ठाकुर वोटर्स की नाराजगी…या कुछ और, जानें क्यों भाजपा ने करण भूषण को बनाया प्रत्याशी?

Up Lok Sabha Election 2024: यूपी में भाजपा ने बृजभूषण का टिकट काटकर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं। पार्टी ने उनके छोटे बेटे और यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष करण भूषण सिंह को कैसरगंज से प्रत्याशी बनाया है।  

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: May 2, 2024 22:29
Share :
Up Lok Sabha Election 2024 Brij Bhushan singh Karan Bhushan singh
बृजभूषण शरण सिंह और उनके बेटे करण भूषण सिंह

Why BJP Dropped Brij Bhushan Singh: भाजपा ने आज लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में 2 उम्मीदवारों की 17वीं सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में दो हाॅट सीटों के नाम थे। पहली रायबरेली और दूसरी कैसरगंज। इस बार सोनिया गांधी के रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने से रायबरेली सीट की इतनी चर्चा नहीं है कि जितनी की कैसरगंज सीट की हो रही है। इस सीट से पार्टी ने बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने 6 बार के सांसद और यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण को टिकट न देकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

भाजपा ने कैसरगंज सीट बृजभूषण के 28 वर्षीय सबसे छोटे बेटे करण भूषण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। करण भूषण सिंह यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे नेशनल लेवल के शूटर रहे हैं। ऐसे में वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने करण भूषण को उतारकर कई समस्याओं का हल निकाल लिया। पार्टी अगर उन्हें टिकट देती तो विपक्ष समेत कुश्ती पहलवान उनका विरोध कर सकते थे। जोकि लोकसभा चुनाव के लिहाज से ठीक नहीं होता। वहीं दूसरी ओर पार्टी को हरियाणा के जाट वोटर्स का गुस्सा भी झेलना पड़ता।

---विज्ञापन---

कर्नाटक में पार्टी की हो रही किरकिरी

भाजपा को अभी भी कर्नाटक में विरोधियों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जबकि भाजपा और जेडीएस कर्नाटक में गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम मोदी ने हासन लोकसभा सीट से उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित भी किया था। ऐसे में पार्टी बृजभूषण को टिकट देकर कोई और समस्या मोल नहीं लेना चाहती थी।

सपा और ठाकुर वोटर्स का डर

बृजभूषण का कैसरगंज और उसकी आसपास की सीटों पर काफी प्रभाव है। ऐसे में पार्टी ने उनके बेटे को टिकट देकर कम से कम 6 लोकसभा सीटों पर होने वाले नुकसान को रोक लिया है। जानकारी के अनुसार बृजभूषण का श्रावस्ती, बस्ती, अयोध्या, कैसरगंज और बहराइच जैसी सीटों पर सीधा प्रभाव है। ऐसे में पार्टी इस समस्या को भी सुलझा लिया।

भाजपा ने करण भूषण को प्रत्याशी बनाकर यूपी में ठाकुर समुदाय की नाराजगी मोल नहीं ली। भाजपा अगर बृजभूषण का टिकट काटती तो यूपी का ठाकुर समुदाय भाजपा से नाराज हो सकता था। प्रदेश में ठाकुर वोटर्स की तादाद 7 प्रतिशत के आसपास हैं। यह वोट बैंक हमेशा से भाजपा का महत्वपूर्ण वोट बैंक रहा है। वहीं कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि भाजपा से टिकट कटने के बाद बृजभूषण सपा से चुनाव लड़ सकते थे। बृजभूषण सबसे पहली बार सपा के टिकट पर ही कैसरगंज से जीतकर सांसद बने थे।

ये भी पढ़ेंः ‘मोहब्बत की दुकान में फर्जी काम होते हैं…’ आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर यूं बरसे पीएम मोदी

ये भी पढ़ेंः ‘महिलाओं से सिर झुका कर माफी मांगें मोदी-शाह…’ राहुल गांधी बोले- PM ने मास रेपिस्ट के लिए वोट मांगे

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: May 02, 2024 10:23 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें