उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दिव्यांग शख्स का मस्जिद में खतना करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन इससे पहले कि यह सफल हो पाता, वहां पुलिस पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने खतना रुकवाया और मामले को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है।
बरेली पुलिस की तरफ से बताया गया कि दृष्टिबाधित प्रभात उपाध्याय नाम के शख्स की मां ने तहरीर दी थी कि उसके बेटे को कुछ लोगों ने पकड़ लिया है और धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं। उसका खतना भी किया जाना था। जानकारी मिलने के बाद पुलिस एक मस्जिद में पहुंची, जहां एक शख्स को कई लोग घेरकर बैठे हुए थे। जब शख्स से नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम हामिद बताया।
प्रभात सकुशल बरामद
वहीं, जब पुलिस ने असली नाम बताने को कहा तो उसने अपना नाम प्रभात उपाध्याय बताया। इसके बाद पुलिस ने प्रभात को घेरकर बैठे लोगों को हिरासत में ले लिया और प्रभात को अपने साथ लेकर गई। बताया गया कि वहां खतना किए जाने की तैयारी चल रही थी, जिसे समय रहते पुलिस ने विफल कर दिया।
इस मामले में चार लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। अलीगढ़ की रहने वाली प्रभात उपाध्याय की मां ने बताया कि बरेली के रहने वाले अब्दुल मजीद, महमूद बेग, सलमान, आरिफ और एक अज्ञात शख्स ने उसके बेटे को शादी का प्रलोभन दिया और धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई है।
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पुलिस ने बताया कि प्रभात के पास से 10 किताबें बरामद हुई हैं, जो धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करती हैं। जाकिर नाइक नामक शख्स की कई सीडियां मिली हैं, जो धर्म परिवर्तन के लिए उकसाती हैं। वहीं, आरोपियों के पास से तमाम चीजों के साथ एक सर्टिफिकेट भी बरामद हुआ है, जिसमें ब्रिजपाल साहू को अब्दुल्ला बनाया गया था। साथ ही मां को भी अमीना बना दिया गया है। वहीं, बहन की शादी भी एक मुस्लिम शख्स से करवा दी गई है।