Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वृंदावन (Vrindavan) में इन दिनों स्थानीय लोग और मंदिरों के पुजारी सरकार के विरोध में हैं। विरोध भी इतना है कि लोगों ने अपने खून से प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखा है। इस विरोध का कारण है वृंदावन में बन रहा बांके बिहारी कॉरिडोर (Banke Bihari Corridor) है।
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काशी विश्वनाथ की दर्ज पर होगा बांके बिहारी परिसर का विकास
वृंदावन में विश्व विख्यात बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर एक गलियारा बनाने का प्रस्ताव है। अब योगी सरकार के इस प्रस्ताव को स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि वे इस परियोजना से विस्थापित हो जाएंगे। उनका दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इसी क्रम में पुजारी और दुकानदार अपने खून से सीएम को पत्र लिख कर विरोध जताया है।
व्यापारियों ने दो दिनों तक बाजार रखा बंद
जानकारी के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर के आसपास का बाजार दो दिनों तक बंद रहा। क्षेत्र की हद में आने वाले मंदिरों के पुजारी भी स्थानीय निवासियों के समर्थन में उतर आए हैं। बताया गया है कि ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है। इस मामले की सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट भी इस महीने के अंत में इस पर सुनवाई कर सकता है।
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कॉरिडोर की हद में आ रहे हैं 300 से ज्यादा घर-दुकानें
बताया गया है कि प्रदेश सरकार बांके बिहारी मंदिर के आसपास पांच एकड़ भूमि का अधिग्रहण करेगी। इस पांच एकड़ क्षेत्र में करीब 300 मंदिर और आवासीय भवन आ रहे हैं। जहां लोग कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। कॉरिडोर बनाने के लिए इन सभी 300 इमारतों को गिराए जाने की खबर है।
कई पीढ़ियों से रह रहे लोगों का छलका दर्द
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सैकड़ों वर्षों से अपने घरों में मंदिर बनाकर भगवान की पूजा करते आ रहे हैं। अगर उन्हें तोड़ा गया तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचेगी। कॉरिडोर पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मथुरा के जिलाधिकारी ने आठ सदस्यीय कमेटी का गठन कर मंदिर के आसपास की 200 से अधिक इमारतों का सर्वे किया है और उन्हें चिह्नित किया है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश
20 दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कॉरिडोर के लिए सर्वे का आदेश दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार आज हाईकोर्ट में अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जो मथुरा से 20 किमी की दूरी पर है।
सरकार की है ये खास मंशा
सरकार का कहना है कि गलियारा आवश्यक है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मंदिर में समायोजित किया जा सके। इसके साथ ही भक्तों के लिए वहां तक पहुंचना आसान हो जाएगा। 2022 में यूपी सरकार की ओर से कॉरिडोर और आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी।
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सांसद हेमा मालिनी ने दिया था बयान
मथुरा से भाजपा की लोकसभा सांसद हेमा मालिनी ने भी रविवार को कहा था कि ये गलियारा मथुरा और वृंदावन में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के द्वार खोलेगा। इससे तीर्थयात्रियों को बिना किसी परेशानी के आसान दर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि व्यापारियों, पुजारियों और निवासियों की चिंताओं को देखते हुए आश्वासन दिया कि सभी के हितों को ध्यान में रखा जाएगा।
मैं भी चाहती हूं वहीं स्वरूप रहेः सांसद
हेमा मालिनी ने एक बयान में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आने से रोजगार का भी मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं यह भी चाहती हूं कि वृंदावन जैसा है वैसा ही रहे। मैं चाहती हूं कि मंदिर की सुंदरता वैसी ही रहे जैसी प्राचीन काल में थी, उसी के अनुसार कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि परियोजना से किसी को असुविधा न हो।
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