---विज्ञापन---

धमकी या झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाना रेप…इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले में और क्या-क्या कहा?

Allahabad High Court Misdeed Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप के मामले में आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणियां की। आगरा के एक शख्स ने याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 15, 2024 18:31
Share :
Allahabad High Court

Uttar Pradesh News: प्रयागराज की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप के मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणियां करते हुए आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि भले ही महिला की सहमति से संबंध बनाए गए हों, लेकिन अगर उसने किसी भ्रम या डर के कारण ऐसा किया है तो ऐसे मामले को रेप ही माना जाएगा। न्यायमूर्ति अनिस कुमार गुप्ता की कोर्ट में आगरा के शख्स ने याचिका दाखिल की थी। लेकिन आरोपी राघव कुमार की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। राघव ने रेप केस को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था।

कोर्ट ने याचिका खारिज की

राघव के खिलाफ आरोप है कि उसने एक महिला से शादी का वादा किया था। जिसके बाद महिला के साथ संबंध बनाए। लेकिन महिला ने इसे रेप बताया। अब आरोपी ने पुलिस के आरोप पत्र को रद्द करवाने का अनुरोध कोर्ट से किया था। लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। आगरा के महिला थाने में एक युवती ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने आगरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में 13 दिसंबर 2018 को आरोप पत्र दाखिल किया था।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:लो जी! UP-बिहार के लिए स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी, त्योहारों के लिए अभी बुक करवाओ टिकट

महिला की शिकायत के अनुसार पहली बार राघव ने बेहोश करके उसके साथ रेप किया था। इसके बाद आरोपी ने उससे शादी का वादा किया और बार-बार संबंध बनाता रहा। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। दोनों एक साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुटे थे। दोनों के बीच सहमति के साथ संबंध बने थे। जो काफी बार एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते थे। इसलिए आरोपी राघव के खिलाफ यह रेप का मामला नहीं बनता है।

---विज्ञापन---

10 सितंबर को आया था फैसला

वहीं, महिला के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि दोनों पक्षों के बीच शारीरिक संबंधों की शुरुआत जालसाजी से शुरू हुई थी। राघव ने जबरदस्ती उसके साथ संबंध बनाए थे। महिला ने शारीरिक संबंधों के लिए सहमति नहीं दी थी। इसलिए यह स्पष्ट तौर पर रेप का मामला है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 10 सितंबर को अपना फैसला दिया था। कोर्ट ने साफ कहा कि महिला की इच्छा के खिलाफ, धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाए गए। यह स्पष्ट तौर पर रेप का मामला है। इस कारण अब कोर्ट को मुकदमा रद्द करने का कोई कारण नहीं दिखता है।

यह भी पढ़ें:UP में होंगी बंपर भर्तियां, पुलिस महकमे के बाद इस विभाग में हजारों पद खाली; फटाफट जान लें डिटेल्स

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 15, 2024 06:31 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें