नई दिल्ली: मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर संजीव माहेश्वरी जीवा की बुधवार दोपहर को लखनऊ सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। वकील के वेश में शख्स ने उस पर गोली चला दी। जिसमें जीवा, 2 पुलिसकर्मी और 1.5 साल की बच्ची घायल हो गए।
एसआईटी के तीनों सदस्य कोर्ट पहुंचे
इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी के तीनों सदस्य गुरुवार को कोर्ट परिसर पहुंचे। इसमें एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, आईजी अयोध्या जोन प्रवीण कुमार और जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी शामिल हैं। परिसर में सबसे पहले एसआईटी के सदस्य नीलाब्जा चौधरी पहुंचे। उन्होंने डीजे के साथ बैठक कर तमाम बिंदुओं पर चर्चा की। एसआईटी के बाकी के 2 सदस्यों ने जॉइंट सीपी कार्यालय पर घटना के समय मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। उसके बाद वे कोर्ट परिसर पहुंचे, जिसके बाद एसआईटी के तीनों सदस्य ने कोर्ट परिसर का मौका मुआयना किया। घटनास्थल पर गए करीब डेढ़ घंटे के बाद मीडिया से बचते हुए कोर्ट के गेट नंबर 1 से निकल गए।
जौनपुर का रहने वाला है आरोपी
वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया, लेकिन इलाज के दौरान संजीव उर्फ जीवा की मौत हो गई। जबकि पुलिस कांस्टेबल और लड़की दोनों स्थिर हैं। उनका इलाज चल रहा है। गोली चलाने वाले को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी का नाम विजय यादव है। वह जौनपुर का रहने वाला है। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है।
जीवा के शरीर में 16 गोलियों के निशान
संजीव उर्फ जीवा के पोस्टमार्टम के बाद केजीएमयू ने बयान जारी कर कहा कि उसे मृत हालत में बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। जीवा के शरीर में 16 गोलियों के निशाना पाए गए हैं जो कि दिखाते हैं कि उस पर आठ गोलियां चलाई गई थीं। छह उसकी छाती पर लगीं और दो उसके हाथों पर लगने के बाद आर-पार हो गईं। संजीव पर पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था, लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था। उस पर एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं।