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सरपंच हो तो ऐसी! सोफिया कॉलेज से इंग्लिश में मास्टर, बच्चों के लिए समर्पित किया जीवन

Sarpanch Guljan Khanum Inspiring Story: गुलजान खानम के सरपंच बनने के बाद गगवाना गांव के स्कूलों में कई अच्छे परिवर्तन देखे गए हैं, जिसके लिए हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Feb 4, 2024 19:24
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Sarpanch Guljan Khanum Inspiring Story
सरपंच गुलजान खानम की प्रेरक कहानी

Sarpanch Guljan Khanum Inspiring Story (संदीप टाक): आमतौर पर लोग पढ़ाई-लिखाई करने के बाद एक बेहतर जीवन जीने के लिए शहरों का रुख करते हैं। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि कोई व्यक्ति अच्छी पढ़ाई-लिखाई करने बाद अपना सारा जीवन दूसरे की जिंदगी संवारने में खत्म कर दें। इसका एक खूबसूरत उदाहरण राजस्थान के अजमेर शहर से 10 किलोमीटर दूर गगवाना गांव में देखने को मिला। इस गांव की सरपंच गुलजान खानम ने लीडरशिप और महिला सशक्तीकरण का एक अनोखी मिसाल पेश की है। गुलजान खानम सरपंच की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 10वीं और 7वीं की छात्राओं को मुफ्त में अंग्रेजी और इतिहास पढ़ाती हैं। गुलजान खानम का कहना है कि वह युवा लड़कियों के जीवन को बदलने के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित हैं। इसलिए वह हर रोज गांव के सरकारी स्कूलों में नियमित रूप से लड़कियों को पढ़ाने का काम कर रही हैं।

सोफिया कॉलेज से अंग्रेजी में किया मास्टर

गुलजान ऐसे परिवार से आती हैं, जहां शिक्षा को महत्व दिया जाता है। गुलजान ने अजमेर के सोफिया कॉलेज से अंग्रेजी में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने B.Ed पूरा किया और टीचिंग करियर में प्रवेश किया। बच्चों को पढ़ाते हुए उन्हें काफी प्रेरणा मिली, जिसकी मदद से उन्होंने ग्राम प्रशासन में कदम रखा। साल 2020 में गुलजार ग्राम पंचायत गगवाना के लिए सरपंच का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। सरपंच बनने के बाद गुलजान ने सबसे उन सामाजिक परंपराओं को तोड़ने का काम किया, जो महिलाओं की शिक्षा पर अंकुश लगाते थे। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को कम उम्र में शादी न करने के लिए भी प्रेरित किया।

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महिलाओं को सशक्त बनाना है लक्ष्य

सरपंच बनने के बाद से गुलजान ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, जिसमें सबसे पहला काम महिलाओं को शिक्षा के महत्व को समझना था और युवावस्था में महिलाओं पर पड़ने वाले परंपरा बोझ को कम करना था।su

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गुलजान खानम ने बताया कि उनकी हमेशा ये कोशिश रहती है कि गांव के सभी बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिले, ताकि वे अपनी पढ़ाई न छोड़ें। गुलजान कहती है कि उनकी यह कोशिश अब फल दिखा रही है, गगवाना ग्राम पंचायत के स्कूलों में 100 प्रतिशत बच्चों को एडमिशन मिल चुका है। इसके लिए उन्हें उजियारा ग्राम पंचायत का पुरस्कार मिला।

आर्थिक आत्मनिर्भर हो महिलाएं

जानकारी के अनुसार गुलजान खानम के सरपंच बनने के बाद गगवाना गांव के स्कूलों में कई अच्छे परिवर्तन देखे गए हैं। गुलजान खानम पढ़ाई के अलावा गांव की लड़कियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें सिलाई, ब्यूटी पार्लर और कंप्यूटर कोर्स भी कराती हैं। गुलजान का कहना है कि महिला सशक्तीकरण का रास्ता शिक्षा के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता से पूरा होगा। गगवाना गांव में महिलाएं सिर्फ सीख नहीं रही हैं, बल्कि फल-फूल भी रही हैं। आज गांव में महिलाएं सफल व्यवसाय चला रही हैं। इससे वह अपने घरों और समुदायों में योगदान दे रही हैं।

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Written By

Pooja Mishra

First published on: Feb 04, 2024 07:24 PM

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