रमन झा (जयपुर): राजस्थान में कांग्रेस का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी के मना करने के बाद भी सचिन पायलट ने अनशन किया और बयान भी दिया। इसी बीच सुखविंदर सिंह रंधावा के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है और इस जिम्मेदारी को कैसे निभाना है ये बड़ी बात है।
दरअसल, सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। कहा कि चार साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन कोई कारवाई नही हुई। इसको लेकर उन्होंने चिट्ठी भी लिखी है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने सचिन के धरने को पार्टी विरोधी गतिविधि बताकर अनशन रोकने की कोशिश की, लेकिन रोक नहीं पाए और पायलट ने अनशन किया।
रंधावा ने की मल्लिकार्जुन से मुलाकात
रंधावा ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और पूरे हालात का ब्यौरा दिया। इसके बाद खड़गे ने गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे बैठक बुलाई है, जिसमें रंधावा के अलावा सचिन भी शामिल होंगे? ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन रंधावा के तेवर खड़गे से मुलाकात के बाद तल्ख हैं। रंधावा ने मीडिया से बात करते हुए कहा सचिन ने जो मुद्दा उठाया, वो सही है, लेकिन तरीका गलत है।
खड़गे की बैठक पर है सभी की निगाह
रंधावा ने कहा कि हाल के विधानसभा सत्र में उन्हें इस मुद्दे को उठाना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया। साथ ही अब तक कार्रवाई नहीं की, लेकिन ‘अब करूंगा की’ बात कहकर उन्होंने बम फोड़ दिया है। अब सभी की नजर कल होने वाली बैठक पर टिकी है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे पर सारा दारोमदार है। वे गहलोत और सचिन के बीच की लड़ाई को कैसे सुलझाते हैं, ये अपने आप में बड़ी बात है।
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