केजे श्रीवत्सन/जयपुर
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को कांग्रेस ने 33 उम्मीदवारों की पहली और भारतीय जनता पार्टी ने 83 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी। कांग्रेस ने पहली सूची में सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविन्द सिंह डोटासरा और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल 6 मंत्रियों को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने पहली सूची के प्रयोग से किनारा करते हुए वसुंधरा राजे की जिद के आगे अपनी रणनीति ही बदलकर ज्यादातर सिटिंग विधायकों को मैदान में उतार दिया है। जहां अपनी पहली सूची जारी करते समय बीजेपी ने 8 सांसदों को उतारने, सिटिंग विधायकों के टिकट काटने जैसे तमाम तरह के प्रयोग किए थे, लेकिन उसे लेकर सामने आये बड़े असंतोष के बाद दूसरी सूची के दौरान जबरदस्त होमवर्क नज़र आया। वसुन्धरा को मानाने की सबसे बड़ी जुगत में न केवल दूसरी सूची में झालरापाटन से 5वीं बार मैदान में उतारा गया, बल्कि उनके ज्यादातर समर्थक विधायकों के नाम लिस्ट में शामिल थे। हालांकि नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के समर्थकों को भी जगह दी, लेकिन राठौड़ की चुरू से बदलकर तारानगर कर दिया गया। हाल ही में बीजेपी में शामिल होने वाली ज्योति मिर्धा को नागौर और उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को कांग्रेस के सीपी जोशी के सामने नाथद्वारा से टिकट दिया है।
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24 घंटे बाद आने वाली दूसरी सूची का रंग रूप तय करने के लिए काफी थी चुनाव समिति की बैठक से बाहर निकली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुस्कान और बॉडी लैंग्वेज
पहली सूची में अपनी नई रणनीति के तहत बीजेपी ने प्रयोग करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी, लेकिन नाराजगी के चलते यह सिरे नहीं चढ़ सका। दूसरी सूची को जारी करने में किस कदर मशक्कत करनी पड़ी, इसका अंदाजा इसी से लग गया कि तीन-तीन बार पार्टी की कोर कमेटी और चुनाव समिति की बैठक हुई। आखिरकार राजस्थान जैसे बड़े राज्य में कमल खिलाने के लिए राजस्थान की राजनीति में बड़ा कद रखने वाली वसुन्धरा राजे की तमाम समर्थकों के नामों पर उसे हरी झंडी दिखानी ही पड़ी। जबरदस्त होमवर्क के बाद जब कल बैठक खत्म होने पर वसुंधरा चुनाव समिति की बैठक से बाहर निकली तो उनके चेहरे की मुस्कान और बॉडी लैंग्वेज बताने के लिए काफी थी कि करीब 24 घंटे बाद आने वाली दूसरी सूची का आखिरकार रंग रूप क्या रहने वाला है।
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पहली सूची में जहां बीजेपी ने दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, देवजी पटेल जैसे 7 सांसदों को मैदान में उतारा था तो खबर आई की दूसरी सूची में भी कुछ और सांसदों को जगह मिलेगी, लेकिन पार्टी के छोटे बड़े कार्यकर्ताओं द्वारा इनके खिलाफ बगावत की तस्वीरों ने इस कदर सोचने पर मजबूर कर दिया कि सांसदों की बजाय सिटिंग विधायकों और साल 2018 के प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारने का फैसला हुआ। पहली सूची में चौंकाने वाला फैसला जयपुर के विध्याधर नगर से बीजेपी की पहचान पूर्व उपराष्ट्रपति भेरोंसिंह शेखावत के दामाद और सिटिंग विधायक नरपत सिंह राजवी के टिकट काटने को लेकर था। हली सूची में नरपत राजवी से एकमात्र सिटिंग विधायक थे, जिनका टिकट कटा था, वहीं इसे लेकर पार्टी की हुई आलोचना को देखते हुए उनका नाम दूसरी सूची में चित्तौड़गढ़ शामिल कर लिया गया। जहां तक वजह की बात है, भेरोंसिंह शेखावत की 100वीं जयंती भी मनाई जा रही है, जिसे लेकर पार्टी की जमकर किरकिरी भी होने लगी। इस भूल को सुधारते हुए पार्टी ने उन्हें चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया है। उसी इलाके से जहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सांसद भी हैं।
बीजेपी ने जहां वसुंधरा शासन में मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी, ओटाराम देवासी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सर्राफ, राजेंद्र राठौड़ जैसे बड़े नेताओं को टिकट दिया, वहीं अपनी सबसे सीनियर विधायक जोधपुर के सूरसागर से सूर्याकान्ता व्यास और जयपुर के सांगानेर से अशोक लाहौटी चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, सूरजगढ़ से सुभाष पूनिया, नागौर से मोहन राम चौधरी, मकराना से रूपाराम और बड़ी सादड़ी से ललित कुमार ओस्तवाल और घाटोल से हरेंद्र नीनामा का टिकट काट भी दिया। इसी तरह भाजपा ने दूसरी सूची में 56 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। इनमें 27 सीटें ऐसी भी हैं, जिन पर 2018 के विधानसभा चुनाव में यही उम्मीदवार हार गए थे। कुल मिलाकर अब तक जारी 124 उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची में पार्टी ने 16 सीटों पर चेहरे बदल दिए गए हैं। इन सबके बीच अगर बीजेपी की लिस्ट पर नजर डालें तो 10 महिला, 15 एससी और 10 एसटी को टिकट मिला है।
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उधर, भाजपा के चंद मिनट बाद ही सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के नामों के साथ कांग्रेस की 33 उम्मीदवारों की पहली सूची भी आ गई। अर्चना शर्मा सहित 2018 में हारे हुए 3 चेहरों को भी जगह मिली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा, टोंक से सचिन पायलट, नाथद्वारा से सीपी जोशी और सीकर के लक्षणगढ़ से डोटासरा सहित 30 विधायकों को फिर से उन्हीं सीटों से रिपीट किया गया है। वैसे महिला आरक्षण कानून के जरिये आधी आबादी को साधने में लगी बीजेपी ने जहां अब तक जारी 124 उम्मीदवारों में से महज 10 महिलाओं को टिकट दिया है, वहीं 33 सीटों में से कांग्रेस ने 8 महिलाओं को टिकट देकर इस मुद्दे पर बीजेपी क घेरने की तैयारी का संकेत दे दिया है।