Nahin Sahega Rajasthan: नहीं सहेगा राजस्थान अभियान के तहत उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने सीकर में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म की आंच सीएम के गृह क्षेत्र जोधपुर तक पहुंच चुकी है। राजस्थान में पुलिस विभाग को अपनी पंच लाइन बदल लेनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि पुलिस विभाग अपनी पंच लाइन रक्षक ही भक्षक कर ले।
पूनिया ने आगे कहा कि सरकार का यह पांचवां और आखिरी साल है। अक्सर जनता सरकार का आकलन चुनावी साल में करती है। पूत के पग पालने में ही दिख जाते हैं। सीएम की शपथ के बाद से ही राजभवन में दो-दो सीएम के नारे लगने लगे। इसके बाद कोरोना में पूरी सरकार बाड़ेबंदी में रही। फिर प्रदेश के इतिहास में पहली बार सत्ताधारी पार्टी के इस्तीफे लिए गए।
प्रदेश में 19 हजार किसानों की जमीनें हुए नीलाम
पिछले 5 सालों में राजस्थान की सरकार का रिपोर्ट कार्ड देखे तो यह सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरफ विफल रही। राजस्थान में अनेक सभाओं में 1 से 10 तक की गिनती का जुमला दिया गया था। अब सरकार का यह अंतिम वर्ष है। लेकिन कर्जा माफी की ओर से सरकार की तरफ से अब तक कोई प्रयास नहीं हुआ। हां सरकार ने विधानसभा में यह स्वीकार कर लिया कि कर्जा न चुका पाने के कारण 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम हो गई। किसानों ने प्रदेश में सीएम को अपनी मौत का दोषी बताकर सुसाइड कर लिया।
साढे़ 4 साल में 19 पेपरलीक हुए
आरपीएससी पेपर लीक मामले में उन्होंने कहा कि मैंने गोपाल केसावत को पहली बार राहुल गांधी की फोटो के साथ देखा था। इसकी कुछ दिन पहले ही सीएम से मुलाकात और स्वागत सत्कार भी हुआ। इस को नकारा नहीं जा सकता है कि उसकी मौजूदा सरकार में दखल नहीं है। कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में 19 से ज्यादा पेपर लीक हुए। वहीं यदि बात करें भ्रष्टाचार की तो आज सरकार के सामने बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार का मुद्दा है। कई घरों में बच्चे पारले जी बिस्किट को तरसते हैं लेकिन सीएम गहलोत यह सौभाग्य लेकर पैदा हुए हैं कि सचिवालय के कमरे में सोने के बिस्किट और नगदी मिलती है।
राज्य में पुलिस का इकबाल खत्म
पूनिया ने कहा कि पुलिस थानों के बाद में पंच लाइन होती है अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास। क्या पार्टी में इतने भी योग्य लोग नहीं थे कि राजस्थान को एक पूर्णकालिक सीएम दे। सीएम के पास गृह मंत्रालय है। उन्होंने कहा कि अब लगता है कि राजस्थान में थानों की पंच लाइन अब बदल देनी चाहिए। रक्षक ही भक्षक है यह भी राजस्थान के गृह मंत्रालय पर सीधा लागू होता है। राज्य में पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है। जो कि चिंता का विषय है।