Jaipur: राजस्थान के वन विभाग के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने कहा कि गुरुवार से प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान और पार्क आम आदमी के लिए बंद करेंगे। संयुक्त संघर्ष समिति राजस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भर के वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के बड़े उद्यान बंद रहेंगे। ऐसे में झालाना लेपर्ड सफारी, सरिस्का, रणथंभौर, अभेड़ा बायोलाॅजिकल पार्क, माचिया बायोलाॅजिकल पार्क सज्जनगढ़ बायोलाॅजिकल पार्क में वन्यजीव प्रेमी नहीं देख पाएंगे।
संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग राजस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी पिछले लंबे वक्त से शांतिप्रिय तरीके से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी मांगोें को नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें
वनकर्मियों को समकक्षों पदों (पुलिस, पटवारी, ग्रामसेवक आदि) के समान वेतन दिलवाया जाए।
अवैध शिकार, अतिक्रमण, खनन, कटान, छंगान व हिंसक वन्यजीवों के रेस्क्यू करने वाले वनकर्मियों को विशेष भत्ता / हार्ड ड्यूटी ( मूल वेतन+ डी.ए) का 10 प्रतिशत दिलवाया जाए।
वन विभाग में कार्यरत प्रभारियों की ग्रेड-पे ए.सी.पी. 9-18-27 पर अन्य विभागों की तरह 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 2800/3600 की जाए।
समकक्ष विभाग के कार्मिकों की भांति नगद वर्दी भत्ता राशि 7000/- रूपये वार्षिक दिलवाया जाए।
वनकर्मियों को 50/- रू० साईकिल भत्ते के स्थान पर 2000/- रू० प्रतिमाह पेट्रोल (ईचन) भत्ता दिलवाया जाए।
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