Jaipur News: जल जीवन मिशन एवं अन्य पेयजल परियोजनाओं में लापरवाही बरतते हुए तय समयावधि में प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाली कॉन्ट्रेक्टर फर्मों की रेड लिस्ट बनेगी। इस लिस्ट में शामिल फर्मों से न केवल वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट वापस लिए जाएंगे बल्कि उन्हें आगामी परियोजनाओं की निविदाओं से भी एक से तीन वर्ष तक के लिए डिबार किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए गए। बैठक में विभिन्न वृहद परियोजनाओं पर कार्यरत कॉन्ट्रेक्टर फर्मों के प्रतिनिधि भी वीसी के माध्यम से शामिल हुए।
लापरवाही करने वाली फर्मों को किया जाएगा बाहर
समीक्षा बैठक में एसीएस पीएचईडी ने वृहद एवं लघु पेयजल परियोजनाओं की लक्ष्य के मुकाबले प्रगति की जानकारी ली। डॉ. अग्रवाल ने सबसे कम प्रगति वाली परियोजनाओं की सूची बनाने एवं विभिन्न स्पान पूरे करने में फर्मों द्वारा लिए गए समय के बारे में भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। रिपोर्ट में उन कारणों का भी जिक्र होगा जिनकी वजह से परियोजनाओं में देरी हुई।
प्रोजेक्ट में देरी होने के ठोस एवं उचित कारण होने पर फर्मों को और मौका दिया जाएगा लेकिन जिन फर्मों ने बिना किसी ठोस कारणों के लापरवाही पूर्वक परियोजनाओं में देरी की है उन फर्मों को नई परियोजनाओं की निविदाओं से डिबार किया जाएगा। उन्होंने संबंधित जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को ऐसी फर्मों से प्रोजेक्ट वापस लेने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के भी निर्देश दिए।
फर्मों को रेड लिस्ट में डाला जाएगा
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी विभिन्न परियोजनाओं की धीमी प्रगति एवं समयावधि निकलने के कारणों की जांच करेगी। इस कमेटी की जांच के आधार पर सबसे निचले पायदान पर रही फर्मों का नाम रेड लिस्ट में डाल दिया जाएगा। ये फर्में आगे आने वाली परियोजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया में एक से तीन साल तक के लिए भागीदारी नहीं कर पाएंगी।