Jaipur News: बकाया भुगतान के बदले रिश्वत मामले में आरएसएस प्रचारक निंबाराम को सोमवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने निंबाराम के खिलाफ दर्ज एसीबी की एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामले को रद्द करने के आदेश दिए हैं। निंबाराम अब इस मामले में पूरी तरह बरी हो गए हैं।
बता दें कि निंबाराम ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने 27 फरवरी को लिखित बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट के जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिए फैसला सुनाते हुए मामले को खारिज करने के आदेश दिए।
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यह था मामला
जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने बीवीजी कंपनी के बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मामले में एसीबी ने केस दर्ज किया था। जून 2021 के बाद निंबाराम के अलावा जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर, कंपनी के प्रतिनिधियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
हाईकोर्ट ने निंबाराम को तो बरी कर दिया लेकिन कपंनी के प्रतिनिधियों की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि दोनों पर रिश्वत का आरोप है।
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विधानसभा में भी गूंजा निंबाराम मामला
निंबाराम को हाईकोर्ट से बरी होने के मामले की गूंज सोमवार को विधानसभा में सुनाई दी। नगरपालिका संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निंबाराम के खिलाफ एसीबी केस को लेकर सरकार पर सवाए उठाए। राठौड़ ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आपको पता नहीं होगा। निंबाराम ने हाईकोर्ट को क्लीनचिट दे दी।
यूडीएच मंत्री ने किया पलटवार
इस पर शांति धारीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि निंबाराम की बात छोड़ दीजिए। यहां उनकी बात करेंगे तो अच्छा नहीं होगा। उस बात को छोड़िए। मेहरबानी करके उस बात को पर्दे में ही रहने दो। सच्चाई आप भी जानते हो और हम भी जानते हैं।