आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘लालच बुरी बला’। इस कहावत का ताजा उदाहरण राजस्थान की राजधानी जयपुर से सामने आया है। यहां एक ज्वेलरी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को सोने-चांदी के कुछ टुकड़ों को निकालने के लिए सेप्टिक टैंक में उतारा गया। जहां जहरीली गैस की वजह से 4 मजदूरों की मौत हो गई और 2 मजदूरों की हालत काफी गंभीर है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरनाक टैंक में उतारा था।
सेप्टिक टैंक में मजदूरों की मौत
यह मामला जयपुर के सीतापुर इंडस्ट्रियल एरिया का है। यहां अचल ज्वेल्स नाम की ज्वेलरी फैक्ट्री में सोमवार रात को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। फैक्ट्री में सोने-चांदी के कुछ टुकड़ों को निकालने के लिए 8 मजदूरों को बिना किसी सेफ्टी इक्विपमेंट के सेप्टिक टैंक में उतारा गया। सेप्टिक टैंक में फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सारे केमिकल का कचरा जाता है। इसकी वजह से इस सेप्टिक टैंक में जहरीली गैस बन गई। जैसे ही मजदूर टैंक में उतरे, वहां जहरीली गैस की वजह से उनका दम घटने लगा। इसकी वजह से 4 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं बाकी मजदूरों की हालत काफी गंभीर है।
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इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। वहीं, इसके बाद से फैक्ट्री का मालिक मीडिया से बचता दिखाई दे रहा है। उसने अपने एक अकाउंट मैनेजर को मीडिया से सफाई देने के लिए भेजा है। वहीं पुलिस और एफएसएल की टीम इस मामले की जांच कर रही है।
फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज
फैक्ट्री के संचालक अरुण कुमार कोठारी और सीईओ विकास मेहता पर आरोप है कि उन्होंने मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के जहरीले केमिकल वाले टैंक में उतार दिया। इन टैंकों में केमिकल के जरिए ज्वेलरी से सोने-चांदी के छोटे कण निकाले जाते हैं। लेकिन इसके लिए विशेष मशीनें होती हैं। बावजूद इसके मजदूरों की सुरक्षा को ताक पर रखकर उनसे यह काम करवाया गया। इस दौरान 4 लोगों की मौत हुई लेकिन पुलिस घटनास्थल पर करीब 12 घंटे बाद पहुंची। पुलिस ने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या और लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल घटना की जांच चल रही है।