उदयपुर: झीलों की नगरी उदयपुर पर्यटकों की पहली पसंद है। कारण है यहां के उत्कृष्ट मंदिर, प्रकृति का सुंदर नजारा दृशकों को लुभाता है। ऐसे में हाल ही में जर्जर हो चुका एक हनुमान मंदिर जो कि बताया जाता है कि पाँच सौ वर्षों से भी ज़्यादा पुराना है, का जीर्णोद्धार समाज सेवी दिगराज सिंह शाहपुरा द्वारा करवाया गया।
बता दें शाहपुरा होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के निदेशक दिगराज सिंह शाहपुरा द्वारा इस प्राचीन मंदिर के रखरखाव और जीर्णोद्धार की देखरेख के लिए पहल की गई। उनकी शुरू से ही प्राचीन मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णोद्धार और रखरखाव की गहरी इच्छा थी। जीर्णोद्धार के साथ मंदिर का इंटीरियर केसरिया और सफ़ेद रंग में किया गया है जो अयोध्या में स्थित हनुमान गढ़ी जैसा दिखता है।
आपको बता दें दिगराज द्वारा किए गए क्षेत्र के विकास और सफाई के प्रयासों की बदौलत लोग अब इस मंदिर के चारों ओर बैठ और घूम सकते हैं साथ ही मंदिर के आसपास के सुंदर परिवेश का आनंद ले सकते हैं। इस मंदिर में स्थित हनुमान मूर्ति अपने आप में अनूठी है क्योंकि यह एक चतुर्भुज मूर्ति है। जिसका अर्थ है कि मूर्ति के 4 भुजाएँ हैं। यह मूर्ति किसी के द्वारा स्थापित नहीं थी बल्कि कहा जाता है कि यह अपने आप प्रकट हुई है।
इसलिए यह हनुमान मंदिर बहुत ऐतिहासिक है। महाराज हरिदास इस मंदिर के प्रधान सेवक थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन मंदिर की सेवा में लगा दिया। उनके निधन के बाद यह पूरा क्षेत्र हरिदास जी की मगरी के नाम से जाना जाता है। दिगराज सिंह ने ऐतिहासिक स्थलों और मंदिरों की रक्षा के लिए बहुत ही अच्छी और क़ाबिले तारीफ़ पहल की है, जो अपने इतिहास और संस्कृति को अलग ही महत्व देता है।