Rajasthan News : राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ क्षेत्र के मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। यहां तीन महीने की गर्भवती महिला की बिना किसी जांच के नसबंदी कर दी गई। मामला तब उजागर हुआ, जब महिला की तबीयत बिगड़ने पर सोनोग्राफी कराई गई, जिसमें खुलासा हुआ कि वह पहले से ही गर्भवती थी।
आमलीपाड़ा की रहने वाली पीड़ित महिला ने बताया कि इस साल जनवरी में रमिला नामक एक महिला उसके घर आई और उसने खुद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताया। उसने कहा कि चार बच्चे होने के बाद अब नसबंदी करवा लेनी चाहिए। साथ ही सरकार से सहायता राशि मिलने का लालच भी दिया गया। इसके बाद 10 जनवरी को उसे मोहकमपुरा सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बिना किसी मेडिकल जांच के नसबंदी कर दी।
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सोनोग्राफी कराने पर खुली पोल
ऑपरेशन के कुछ दिन बाद पीड़िता की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। जब सोनोग्राफी करवाई गई तो पता चला कि महिला को गर्भ ठहरे 28 सप्ताह हो चुके हैं, यानी वह अक्टूबर 2024 से ही गर्भवती थी। इस खुलासे ने न सिर्फ महिला को मानसिक आघात पहुंचाया, बल्कि उसके गर्भस्थ शिशु की जान को भी खतरे में डाल दिया।
महिला ने की मामले की शिकायत
जब पीड़िता शिकायत लेकर दोबारा सीएचसी पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ और चिकित्सकों ने न सिर्फ उसके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि यह भी धमकी दी कि अगर उसने मामला उठाया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। इसे लेकर ब्लॉक सीएमएचओ (छोटी सरवा) डॉ. गिरीश भाभोर ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई थी। नसबंदी के लिए जिला स्तर से टीम आती है। हमने संस्थान से दस्तावेज मंगवाकर रिपोर्ट सीएमएचओ को भेजी है।
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