एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हो गया। इस दुर्घटना के बाद अभी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। शवों की खोज की जा रही है और फिर डीएनए मिलान के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। इस दुर्घटना में राजस्थान के रहने वाले 20 साल के जयप्रकाश की भी जान चली गई, जो डॉक्टर बनने का सपना लेकर अहमदाबाद गए थे।
राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले 20 वर्षीय जयप्रकाश डॉक्टर बनने का सपना लेकर अहमदाबाद गए थे, जो अब हमेशा के लिए खामोश हो गए। विमान मेडिकल कॉलेज पर गिरा था, जहां कई छात्र मौजूद थे। इन्हीं छात्रों में जयप्रकाश भी शामिल थे। आज जब उनका शव पैतृक गांव लाया गया तो पूरे गांव में मातम छा गया।
अंतिम विदाई में पहुंची टीना डाबी
अंतिम विदाई में जिले की कलेक्टर टीना डाबी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। हर किसी की आंखें दुःख के कारण नम थीं। बताया जा रहा है कि जिस वक्त विमान हॉस्टल पर गिरा, उस समय जयप्रकाश खाना खा रहे थे। उसी दौरान विमान का मलबा आकर गिरा और जयप्रकाश की मौत हो गई।
सीएम ने की बात
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयप्रकाश के पिता से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की। जयप्रकाश बाड़मेर की धोरीमना तहसील के गांव बोर चारणान के रहने वाले थे। उन्होंने नीट में 675 अंक लाकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था। वह एमबीबीएस सेकंड ईयर के छात्र थे और अपने गांव लौटकर ग्रामीणों की सेवा करने का सपना देखते थे।
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इस हादसे से महज एक महीने पहले ही वह गांव आए थे, जहां उन्होंने अपने पिता और गांववालों से कहा था कि डॉक्टर बनकर गांव की सेवा करूंगा। जयप्रकाश के पिता धर्माराम बालोतरा की एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में मैनेजर हैं। उन्होंने कर्ज लेकर बेटे को कोटा भेजा था ताकि वह NEET की तैयारी कर सके। बेटे ने भी मेहनत से अपने पिता के सपने को पूरा किया था, लेकिन इस हादसे की वजह से न सिर्फ उनका बल्कि पूरे गांव का सपना अधूरा रह गया।