नई दिल्ली: राजस्थान में छात्रसंघ चुनावों के नतीजे शनिवार को घोषित हुए। राजस्थान यूनिविर्सटी में निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी ने 1300 से ज्यादा वोटों से बाजी मारी। उन्होंने मंत्री मुरालीलाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल को हराया। राजस्थान यूनिवर्सिटी के अंतिम नतीजों के मुताबिक, निर्मल चौधरी को 4043 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर निहारिका रहीं। निहारिका को 2576 वोट मिले। तीसरे नंबर पर ही रितु बराला को 2010 वोट मिले हैं। वहीं नोटा को 73 वोट मिले। कोरोना के बाद इस बार दो साल के बाद छात्र संघ चुनाव कराए गए हैं।
जीत के बाद निर्मल चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा- मैं सचिन पायलट को आदर्श मानता हूं। बड़े भाई मुकेश भाकर जैसे लोगों ने सड़कों पर संघर्ष किया है। फिर भी इन लोगों के संघर्ष को तवज्जो नहीं मिली। इसलिए मैंने एक चीज मन में ठान ली थी कि जब जीवन में संघर्ष करना है तो संगठनों में रहकर क्यों करना। जब संगठन के अंदर आपके संघर्ष को तवज्जो ही नहीं दी जाए और टिकटें बाहुबल और धनबल पर दी जाए तो फिर मुझे संगठन से टिकट कैसे मिलती। ऐसे में मैंने निर्दलीय ही लड़ने का फैसला लिया।
लगातार पांचवीं बार निर्दलीय का कब्जा
वैसे यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय की जीत हुई है। लगातार पांचवीं बार राजस्थान विश्वविद्यालय का अध्यक्ष पद निर्दलीय उम्मीदवारों के ही क़ब्ज़े में है। खास बात यह है कि राज्य में जिसकी सरकार होती है उस पार्टी का उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर नहीं जीत पाता। पिछले 38 चुनावों में से 20 में निर्दलीय ने ही बाजी मारी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अगले साल का बजट युवाओं पर फोकस करने की बात कह रहे हैं, लेकिन राजस्थान के 14 यूनिवर्सिटी में से सात पर निर्दलीय और दूसरे दलों के प्रत्याशियों की जीत ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को चौंका दिया है।
सीएम के जिले में भी नहीं मिली NSUI को जीत
14 यूनिवर्सिटी और 450 से ज्यादा कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों के नतीजों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका दिया है। 14 यूनिवर्सिटी में से कांग्रेस जहां एक भी नहीं जीत पाई, वहीं ABVP ने 5 जगह जीत ली, लेकिन 7 यूनिवर्सिटी में निर्दलीय और दूसरे छात्र संगठनों के प्रत्याशियों ने बाजी मारकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों को सोचने को मजबूर कर दिया है। CM के गृह जिले जोधपुर सहित पूरे राजस्थान में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI कहीं भी अपना खाता तक नहीं खोल पाई।