जयपुर: त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य सामग्री में मिलावटखोरी के खिलाफ प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का आगाज होगा। मुख्यमंत्री निवास पर ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित किया। शुद्ध खाद्य उत्पाद प्राप्त करना नागरिकों का अधिकार है और खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभाग इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शुद्ध खाद्य उत्पाद प्राप्त करना नागरिकों का अधिकार है और खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभाग इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट पूरे देश के लिए गंभीर चिता का विषय है। सीएम गहलोत ने कहा कि दीपावली एवं अन्य त्योहारों को देखते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार शीघ्र विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाए।
आगे उन्होंने हेल्पलाइन जारी करते हुए लिखा कि, कोई भी व्यक्ति मिलावट की सूचना हेल्पलाइन नम्बर-181 तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारियों को दे सकता है। उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है। मौके पर ही मिलावट की जांच हेतु शुरू की गई मोबाइल लैब का उपयोग भी प्रभावी रूप से करने के निर्देश दिए।
विशेष अभियान के दौरान दूध,मावा,पनीर,मिठाइयों, दूध से बने अन्य उत्पाद, आटा, बेसन, खाद्य तेल, घी, सूखे मेवे, मसालों, अन्य खाद्य पदार्थों तथा बाट व माप की जांच को प्राथमिकता दी जाए। खाद्य पदार्थों में मिलावट कर प्रदेशवासियों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और बड़े खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध मौके पर ही सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
वहीं जनता की भागीदारी को लेकर कहा कि, “विशेष अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। प्रचार-प्रसार हेतु अखबारों में विज्ञापन, पैम्पलेट्स/पोस्टर्स, होर्डिंग्स, रेडियो व सोशल मीडिया सहित अन्य संसाधनों की भी मदद ली जाए।
जनता द्वारा मिलावट की सूचना देने वालों को प्रोत्साहन राशि को लेकर कहा कि, अभियान की अवधि में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले उत्पादकों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सूचना देने वालों को ‘अनसेफ फूड’ प्रमाणन पर 51,000 रूपए तथा ‘सब-स्टेण्डर्ड’ होने पर 5,000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। निर्देश दिए कि चालान के वक्त ही प्रोत्साहन राशि का आधा हिस्सा सूचना देने वाले व्यक्ति को दे दिया जाए। एफएसएसएआई द्वारा जारी प्रमाण पत्रों का व्यावसायिक संस्थानों में डिस्प्ले सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए।
बता दें कि बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिह खाचरियावास, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिह यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वीराज ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के अंतर्गत की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी।
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