Huge Decline In Cases Of Stubble Burning: राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पंजाब पुलिस की तरफ से किये जा रहे ठोस यत्नों के सार्थक नतीजे सामने आए हैं क्योंकि पिछले दो दिनों में खेतों में पराली जलाने के मामलों में भारी गिरावट आई है। यह जानकारी आज यहां स्पेशल डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( स्पेशल डीजीपी) कानून और व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने दी। बताने योग्य है कि राज्य में रविवार और शनिवार को पराली जलाने के क्रमवार 740 और 637 मामले दर्ज किये गए हैं।
कारण बताओ नोटिस जारी
पराली जलाने के मामलों पर पूर्ण रोक को यकीनी बनाने सम्बन्धी माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुये डीजीपी गौरव यादव द्वारा पराली जलाने के मामलों के विरुद्ध कार्यवाही की निगरानी के लिए स्पैशल डीजीपी अर्पित शुक्ला को पुलिस नोडल अफसर नियुक्त किया गया है।
डीजीपी पंजाब द्वारा राज्य में पराली जलाने के मामलों की समीक्षा करने के लिए सभी सीनियर अधिकारियों, रेंज अफ़सरों, सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ और स्टेशन हाऊस अफसरों (एसएचओज) के साथ रोजाना मीटिंगें की जा रही हैं। जहां पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आए हैं। और उन जिलों की पुलिस को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये हैं।
1072 उड़न दस्ते पराली जलाने के मामलों पर रख रही नजर
स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला जो पराली जलाने के मामलों का ज़मीनी स्तर पर जायजा लेने के लिए खुद जिलों का दौरा कर रहे हैं, पराली जलाने के मामलों में आई इस बड़ी गिरावट को राज्य में पराली जलाने के खतरे से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे पुलिस मुलाजिमों और सिवल प्रशासन के अधिकारियों की अथक कोशिशों का नतीजा बताया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और सिविल अधिकारियों के करीब 1072 उड़न दस्ते पराली जलाने के मामलों पर नजर रख रहे हैं, जबकि जिला स्तर पर किसान नेताओं के साथ मीटिंगें की जा रही हैं और ब्लाक स्तर पर डीएसपी द्वारा किसान नेताओं के साथ मीटिंगें की जा रही हैं जिससे उनको सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों के बारे अवगत करवाया जा सके। इस सम्बन्धी 8 नवंबर से अब तक कम से कम 2189 मीटिंगें की जा चुकी हैं।
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पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही
स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 8 नवंबर से लेकर अब तक पुलिस टीमों से तरफ से 932 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि 7405 मामलों में 1.67 करोड़ रुपए के जुर्माने किये गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस समय के दौरान 340 किसानों के राजस्व रिकार्ड में रेड ऐंट्रीज भी की गई हैं।
स्पेशल डीजीपी ने किसानों को सहयोग देने और फसली अवशेष न जलाने की अपील करते हुये कहा कि इसको जलाने से न सिर्फ वातावरण प्रदूषित होता है बल्कि बच्चों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस दौरान, पुलिस स्टेशन के क्षेत्र और आकार के आधार पर काफी संख्या में अतिरिक्त गश्त पार्टियां पहले ही सक्रिय की गई हैं, जबकि उड़ने दस्ते भी पराली जलाने के मामलों पर चौकसी रख रहे हैं।