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छोटी उम्र में शादी, छूटी पढ़ाई; अब मां-बेटी ने एक साथ हासिल की डिग्री… जालंधर की महिला की दिल छू लेने वाली कहानी

Punjab Women Success Story: पंजाब की एक जिले की रहने वाली महिला की सक्सेस स्टोरी से आपको रूबरू करवा रहे हैं। छोटी उम्र में महिला की शादी हो गई थी। जिसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते पढ़ाई छूट गई। लेकिन महिला ने अपने सपने को अब पूरा कर दिखाया है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 24, 2024 17:40
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Manpreet Kaur

Jalandhar Women Success Story: (नरेंद्र नंदन, जालंधर) पंजाब के जालंधर की रहने वाली एक महिला की कहानी दिल छू लेने वाली है। महिला ने अपनी बेटी के साथ मिलकर अपनी पढ़ाई पूरी की है। कम उम्र में शादी हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई थी। महिला की बेटी बचपन से ही दृष्टिहीन थी। इसके बाद भी महिला ने हार नहीं मानी। बेटी की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए उन्होंने ब्रेल भाषा सीखी और ऑडियो बुक बनाना शुरू किया। 18 साल की उम्र में महिला की शादी हो गई थी।

बेटी के साथ कॉलेज में दाखिला लेने वाली मनप्रीत कौर ने बताया कि 18 साल की उम्र शादी के लिहाज से कम होती है। जिसके कारण वे अपनी उम्र के हिसाब से पढ़ाई नहीं कर पाईं। लेकिन जब बेटी गुरलीन कौर ने जालंधर के लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वुमन में ह्यूमेनिटीज स्ट्रीम में एडमिशन लिया तो इसी दौरान मनप्रीत के मन में भी पढ़ाई पूरी करने की इच्छा जागी। मनप्रीत ने बताया कि बेटी के साथ पढ़ाई करने का यह सही समय था। मां-बेटी दोनों ने एक साथ कॉलेज में एडमिशन लिया और डिग्री पूरी की। मां मनप्रीत और बेटी गुरलीन कौर (25) ने एक साथ डिग्री हासिल करने पर खुशी जाहिर की है।

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पेंट कारोबारी हैं पिता

मनप्रीत के पति सुखविंदर सिंह पेंट के कारोबार से जुड़े हैं। मां के साथ डिग्री हासिल करने के बाद गुरलीन ने बताया कि वे सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं। हम दोनों ने 2 समान विषय इतिहास और राजनीति विज्ञान चुने। मैंने तीसरा विषय वैकल्पिक अंग्रेजी चुना, जबकि मां पंजाबी में ज्यादा सहज थीं। कई एनजीओ ने मुझे हर विषय की ऑडियो बुक दी, लेकिन गुरलीन उन्हें इतने अच्छे से नहीं अपना पाई।

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गुरलीन ने बताया कि मैंने शुरू से ही मां की आवाज में रिकॉर्ड किए गए चैप्टर सुने हैं। ऐसे में मुझे ऑडियो सुनना ज्यादा पसंदीदा लगा। मनप्रीत ने कहा कि अगर गुरलीन के पापा ने हौसला न बढ़ाया होता तो मेरे लिए ये सब आसान नहीं था। मैं पहले साल के बाद ही पढ़ाई छोड़ देती। क्योंकि मुझे नहीं पता था कि इस उम्र में पढ़ाई करने में कितनी दिक्कतें आ सकती हैं? लेकिन उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे डिग्री मिल गई।

बीवी का काम अभी खत्म नहीं हुआ

ऑडियो रिकॉर्ड करके गुरलीन को देना कोई बड़ा काम नहीं था। पिता सुखविंदर अरोड़ा ने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरी पत्नी और बेटी एक साथ डिग्री हासिल कर चुकी हैं। दीक्षांत समारोह में दोनों का खड़े होकर मैंने स्वागत किया। बेटी गुरलीन सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है। उसकी कोचिंग ऑनलाइन चल रही है। मेरी पत्नी का काम अभी खत्म नहीं हुआ है, वह ऑडियो बुक बनाकर गुरलीन को देती रहेगी।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 24, 2024 05:40 PM

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