UP News: शेयर बाजार में मुनाफा कमाने और डिजिटल निवेश के नाम पर जनता की मेहनत की कमाई हड़पने वाले साइबर ठगों के खिलाफ लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने देशभर में फैले करीब 1200 बैंक खातों को सीज कर दिया है, जिनका इस्तेमाल विभिन्न ठगी के मामलों में किया गया था. इन खातों में अब भी मौजूद राशि को पीड़ितों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
ठगी का नया तरीका
हाल के महीनों में साइबर सेल में दर्ज की गई शिकायतों में पाया गया कि लोगों को शेयर मार्केट में निवेश पर बड़ा मुनाफा, डिजिटल अरेस्ट का डर या फर्जी ऐप्स और प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश का लालच देकर ठगा गया था. इस जाल में फंसकर लोग लाखों रुपये गंवा बैठे. पुलिस ने आईपी एड्रेस, बैंक विवरण और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड के आधार पर खातों की पहचान की और जांच के बाद इन पर कार्रवाई की गई.
म्यूल अकाउंट के जरिए होता था लेन-देन
जिन खातों को सीज किया गया है, उनमें से अधिकांश म्यूल अकाउंट (ऐसे खाते जिनका उपयोग असली अपराधियों द्वारा पैसे के लेनदेन के लिए किया जाता है) हैं. डीसीपी साइबर क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि पुलिस तकनीकी माध्यमों से इन खातों के असली संचालकों की जानकारी जुटा रही है.
बचे हुए पैसे की होगी रिकवरी
डीसीपी ने बताया कि सभी खातों को सीज कर दिया गया है और उनमें मौजूद रकम की रिकवरी प्रक्रिया शुरू की जा रही है. हमारा प्रयास है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द उनका पैसा वापस दिलाया जा सके.
जनता से की गई सतर्कता की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वह जल्दी पैसे कमाने के लालच में न आएं और किसी भी अंजान लिंक, कॉल या ऐप पर भरोसा न करें. किसी भी निवेश से पहले उसके स्रोत की विश्वसनीयता की जांच जरूर करें.
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