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मुंबई

रोचक हो सकता है महाराष्ट्र में 29 महानगर पालिकाओं का चुनाव, ठाकरे भाइयों का प्यार होगा कितना असरदार?

महाराष्ट्र में 29 महानगर पालिकाओं के चुनाव का बिगुल बज चुका है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मुंबई और उसके आस-पास की महानगर पालिकाओं को लेकर हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है— करीब 20 साल बाद ठाकरे भाइयों का साथ आना.

Author Written By: Indrajeet Singh Updated: Dec 19, 2025 19:13

महाराष्ट्र में 29 महानगर पालिकाओं के चुनाव का बिगुल बज चुका है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा मुंबई और उसके आस-पास की महानगर पालिकाओं को लेकर हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह है— करीब 20 साल बाद ठाकरे भाइयों का साथ आना.

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की यह सियासी नजदीकी जहां ठाकरे ब्रांड को फिर से जिंदा करने की कोशिश मानी जा रही है, वहीं इस गठबंधन ने महा विकास आघाड़ी में भी बड़ी दरार पैदा कर दी है. बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट इस गठबंधन पर हमलावर हैं और इसे ठाकरे भाइयों का “आखिरी चुनाव” बता रहे हैं.

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जिस ठाकरे ब्रांड की सालों से चर्चा होती रही, जिस पर कई बार सवाल उठे, उसी ब्रांड को एक बार फिर मजबूत करने की कोशिश में ठाकरे बंधु साथ आ गए हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना यूबीटी का गठबंधन अब लगभग तय माना जा रहा है.

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मुंबई और उसके आस-पास की महानगर पालिकाओं में कुल 6 संयुक्त सभाएं करने वाले हैं, लेकिन ठाकरे भाइयों के साथ आने से महा विकास आघाड़ी पूरी तरह बिखरती नजर आ रही है.

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कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसे राज ठाकरे के साथ जाना मंजूर नहीं है, वहीं एनसीपी शरदचंद्र पवार गुट ने कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया है. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने साफ कहा है कि हमारी विचारधार सभी को साथ लेकर चलने की है, लोगों के साथ मारपीट करने वालों के साथ हम नहीं जा सकते यानि सीधे राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना पर हमला बोल दिया है.

इस पूरे घटनाक्रम के बीच बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट ने ठाकरे भाइयों पर हमले तेज कर दिए हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राव साहेब दानवे ने यहां तक कह दिया कि यह ठाकरे भाइयों का आखिरी चुनाव होगा. पिछली बार भी हम अपना मेयर बना सकते थे, लेकिन हमने तय किया कि हम सरकार चला रहे हैं तो महानगर पालिका उनके पास रहने दी. जब उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा तो विधानसभा चुनाव में क्या हाल हुआ, सबने देखा. अब महानगर पालिका चुनाव में भी वही होगा. इसके बाद उनके नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ देंगे. यह उनका आखिरी चुनाव होगा.

सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना यूबीटी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, भिवंडी और नाशिक समेत कुछ अन्य महानगर पालिकाओं में साथ चुनाव लड़ सकती है.

मराठी वोटरों में ठाकरे ब्रांड की बढ़ती चर्चा को देखते हुए बीजेपी ने राज ठाकरे की ही शैली में पलटवार शुरू कर दिया है. राज ठाकरे के पुराने वीडियो, जिनमें उन्होंने उद्धव ठाकरे और शिवसेना की आलोचना की थी, उन्हें बीजेपी सोशल मीडिया पर वायरल कर रही है. खुद मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम ने ऐसे वीडियो X पर पोस्ट किए हैं.

इधर, शिवसेना यूबीटी को अब दो मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ रहा है. एक तरफ महायुति में बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट का हमला, तो दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी शरदचंद्र पवार गुट को मनाने की चुनौती. हालांकि खबर है कि पिंपरी-चिंचवड़ में एनसीपी के दोनों गुट साथ आ सकते हैं.

इस पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा है कि अजीत पवार के साथ जाना मतलब बीजेपी के साथ जाना.

ठाकरे भाइयों को लेकर जहां बीजेपी असमंजस में है, वहीं महा विकास आघाड़ी में दरार पड़ गई है और कांग्रेस ने अलग राह पकड़ ली है. कुल मिलाकर, ठाकरे भाइयों का साथ जहां मराठी राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है, वहीं यह गठबंधन महा विकास आघाड़ी के भविष्य और बीजेपी की रणनीति— दोनों के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. अब देखना होगा कि ठाकरे ब्रांड का यह “प्यार” चुनावी मैदान में कितना असरदार साबित होता है.

First published on: Dec 19, 2025 07:13 PM

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