नागपुर हिंसा मामले में पुलिस अब तक 5 मामले दर्ज कर चुकी है। इसमें से पहली एफआईआर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर की गई है। इधर राज्य सरकार के आदेश के बाद एटीएस ने भी जांच की कमान संभाल ली है। बता दें कि 17 मार्च को महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाओ आंदोलन किया गया। इस दौरान हिंसा भड़क गई। जिसके बाद अब सरकार लगातार एक्शन में हैं।
नागपुर के गणेश पेठ इलाके में बजरंग दल द्वारा सुबह 11ः30 बजे आंदोलन किया गया। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया जोकि नियमों के खिलाफ था। ऐसे में पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। पुलिस ने बीएनएस एक्ट की धारा 223 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 1951 के सेक्शन 37(1), 37 (3) और 137 के तहत मामला दर्ज किया।
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आयोजकों ने नोटिस का उल्लंघन किया
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया है कि पुलिस ने नागपुर से आयोजक राहुल प्रमोदजी नारनवारे संयुक्त सचिव बजरंग दल और उनके साथियों ने धारा 168, बीएनएस एक्ट 2023 के तहत आयोजकों को जारी किए नोटिस का उल्लंघन किया। पुलिस के पास आयोजन की तस्वीरें और वीडियोग्राफी उपलब्ध है।
नागपुर पुलिस कमिश्नर ने इस बात की पुष्टि की है कि इस घटना के बाद एक डेलिगेशन उनके पास पहुंचा और पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट थे। बाद में शाम के वक्त दोनों गुट आमने-सामने आए और इसके बाद हिंसा भड़क गई।
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