मुंबई-701 किलोमीटर लंबे नागपुर-मुंबई समृद्धि हाईवे पर यात्रियों की जान से खिलवाड़ का एक बड़ा मामला सामने आया है। छत्रपति संभाजी नगर के दौलताबाद के पास हाईवे के दोनों तरफ रास्ते में कीलें लगी हुई नजर आईं। पहली नजर में लोगों को लगा कि चोरों ने ये कीलें लगाई हैं और पंक्चर होने के बाद गाड़ियों को लूटने की योजना बनाई है, लेकिन ऐसा नहीं था।
कीलों से भरे रास्तों से गुजरी गाड़ियां पंक्चर
नागपुर-मुंबई समृद्धि हाईवे पर गाड़ियों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। कीलों से भरे रास्तों से गुजरते हुए चार गाड़ियां पंक्चर हो गईं। इसकी वजह से यहां कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। जब लोगों ने रास्ते पर कीलें देखीं तो उन्होंने गाड़ियां रोककर वीडियो बनाना शुरू कर दिया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस और हाईवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
समृध्दी महामार्गावर खिळे ठोकण्यात आल्याची घटना..असे याआधी दोन तीन वेळा घडले आहे..पोलिसाना फोन केल्यावर वेळेत मदत मिळत नसल्याची प्रवाशांची तक्रार आहे..पण एवढ्या मोठ्या महामार्गावर खिळे ठोकले जात असेपर्यंत पोलिस काय करत असतात? यातून मोठा अपघात घडू शकतं #समृद्धी pic.twitter.com/n7ta4AavmG
— Rashmi Puranik (@Marathi_Rash) September 10, 2025
कंपनी पर उठे सवाल
प्रारंभिक जांच में पता चला कि हाईवे के मरम्मत और रखरखाव का ठेका जिस कंपनी को मिला है। उसके कर्मचारियों ने यह कीलें काम के लिए लगाई थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस कंपनी ने हाईवे पर कीलें लगाकर उन्हें ऐसे क्यों छोड़ दिया। जहां कीलें लगी थीं वहां बेरीकेटिंग क्यों नहीं की गई? क्या उन्हें यह पता नहीं था कि टायर पंक्चर होने से बड़ा हादसा हो सकता है?
पूरे मामले पर MSRDC ने साधी चुप्पी
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) के वर्तमान कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार गायकवाड़ रिटायर हो चुके हैं, लेकिन सत्ता पक्ष से नजदीकी होने के कारण उन्हें एक्सटेंशन मिला हुआ है। गायकवाड़ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आयोजनों में अक्सर नजर आते हैं, लेकिन मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचते हैं। न्यूज24 ने जब उनसे इस मामले पर मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो हमेशा की तरह उनका फोन बंद पाया गया।
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