विनोद जगदाले/मुंबई
महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल के बीच जुबानी जंग जारी है। नौबत यहां तक आ गई है कि दोनों नेता एक-दूसरे को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं। दोनों के बीच जारी इस जंग ने राज्य सरकार के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
शुरुआत छगन भुजबल ने की थी
बता देना जरूरी है कि इस मामले में व्यक्तिगत टिपणी की शुरुआत छगन भुजबल ने जालान में हुई ओबीसी समाज की महासभा के दौरान की थी। छगन भुजबल ने जरांगे पर हमला बोलते हुए कहा था कि जरांगे की तरह ससुराल के घर की रोटी नहीं तोड़ते हैं।
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इस पर इस मनोज जरांगे पाटिल ने भुजबल पर हमला करते हुए कहा कि आपने जेल में बेसन की रोटी खाना शुरू कर दिया, क्योंकि मराठों पर अत्याचार किया गया था, भ्रष्टाचार किया था। छगन भुजबल बड़े हो गए हैं, इसलिए वह कुछ भी करने की हिमाकत रहे हैं। वह असल में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
गांवों में होगा क्रमिक अनशन
इस बीच अजित पवार ने भी अपने नेता को मराठा आरक्षण को लेकर विवादित बयान देने से बचने को कहा ऐसा कोई भी बयान देने से बचने को कहा, जिससे दो जातियों के बीच मतभेद की स्थिति पैदा हो।
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यहां उल्लेखनीय है कि मनोज जरांगे पाटिल मराठाओ के लिए ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इसके समर्थन में एक दिसंबर से महाराष्ट्र के सभी गांवों में क्रमिक अनशन की शुरुआत करेंगे। पाटिल ने राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक मराठाओं के लिए आरक्षण लागू करने की समय सीमा दी है।