Malegaon blast verdict 2025: महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाके में 17 साल बाद एनआईए कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। इस विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद, कर्नल पुरोहित समेत कई लोगों पर आईपीसी की धाराओं में मुकदमा चलाया था।
इसके अलाव इस मामले में अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और रमेश उपाध्याय समेत अन्य लोग शामिल है। बता दें कि इसको लेकर 2008 में मुकदमा शुरू हुआ और अप्रैल 2025 को सुनवाई पूरी हो गई। इस मामले की शुरुआती जांच एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने की थी। हेमंत करकरे 2008 मुंबई आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। इसके बाद इस केस की जांच पर काफी प्रभाव पड़ा था।

सबसे पहले अरेस्ट हुईं प्रज्ञा ठाकुर
केंद्र सरकार ने 2011 में इस मामले को एनआईए को सौंप दिया था। 2016 में एनआईए ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी। अब तक इस केस में 3 जांच एजेंसियां और 4 जज बदल चुके हैं। पहले 8 मई 2025 को फैसला आने वाला था लेकिन तब 31 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था। इस मामले में सबसे पहले प्रज्ञा ठाकुर को 23 अक्टूबर 2008 को अरेस्ट किया गया था। मामले में एनआईए ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। एनआईए ने कोर्ट ने नरमी न बरतने का आग्रह किया है।
ये भी पढ़ेंः फ्रेम में आने की जद्दोजहद! BJP के 3 सांसदों के बीच ये क्या हुआ? देखें वीडियो
2017 में मिली जमानत
शुरुआती जांच में धमाकों का मुस्लिम संगठनों से जोड़कर देखा गया। बाद में एटीएस ने हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को अरेस्ट किया गया। इसके बाद कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर के नाम भी सामने आए। 2017 में एनआईए ने कोर्ट से कहा कि मामले में पर्याप्त सबूत नहीं है ऐसे में आरोपियों को जमानत मिल गई। 2019 में बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से टिकट दिया। चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ी जीत दर्ज की।
ये भी पढ़ेंः 25% अमेरिकी टैरिफ पर भारत सरकार का बयान, राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उठाएगी आवश्यक कदम