महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस ने सराहनीय पहल शुरू की है। गढ़चिरौली पुलिस नक्सल प्रभावित गावों के आदिवासी युवाओं को एआई की ट्रेनिंग दे रही है। इससे युवाओं के जीवन में अलग अनुभव आ रहा है। एसपी नीलोत्पल के नेतृत्व में अब तक 210 युवाओं को एआई की जानकारी देकर सशक्त बनाया गया है। आपको बता दें, एआई के प्रशिक्षण को लेकर गढ़चिरौली पुलिस ऑफिस को राज्य के स्किल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट से सर्टिफिकेशन भी मिला हुआ है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में दी रही ट्रेनिंग
इसके साथ ही गढ़चिरौली पुलिस युवाओं को सॉफ्टवेयर और वेब डेवलपमेंट से जुड़े कोर्स करवाता है। पिछले डेढ़ साल में आदिवासी इलाकों से कम से कम 210 से ज़्यादा युवाओं ने फॉर्मल ट्रेनिंग की है, जिनमें उन्होंने एग्जाम भी पास किया है। आने वाले टाइम में युवाओं को नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स की भी ट्रेनिंग दी जा रही है।
युवाओं को मिल रही अलग-अलग ट्रेनिंग
महाराष्ट्र सरकार आदिवासी युवाओं को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, वेब डेवलपमेंट और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी की एआई टूल्स में वोकेशनल कोर्स दे रहे हैं। संस्थान ने एआई से जुड़ी मांग को बताते हुए एआई लिटरेसी की शुरुआत की है। छात्रों को बताया जा रहा है कि कैसे एआई टूल का इस्तेमाल करना है, ऑटोमेशन, डेटा स्ट्रक्चर और कैसे सामान बनाया जाता है, इसके बारे मे सिखाया जा रहा है।
गढ़चिरौली में शिक्षा का अभाव
काफी समय से गढ़चिरौली जिले में काफी गरीबी, शिक्षा की कमी और हिंसा रही है। यह एरिया हमेशा से ही नक्सल प्रभावित रहा है। यहां हालात ऐसे थे कि कई युवाओं ने अब तक कंप्यूटर नहीं देखे थे। आज पुलिस की बदौलत वो लोग कोडिंग से जुड़े कोर्स कर रहे हैं, वेबसाइट कैसे बनती है, उसके बारे में स्टडी कर रहे हैं और चैटजीपीटी, कैनवा एआई, नो-कोड ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म और एआई टूल्स के साथ कैसे किसी का इस्तेमाल करना है, उसके बारे में बताया जा रहा है।
बदल रही है गढ़चिरौली की तस्वीर
पुलिस के नेतृत्व में यह मॉडल अब अच्छे नतीजे दे रहा है। लंबे समय से इस क्षेत्र में फैले नक्सल से आजादी मिलने के बाद अब जाकर इसकी तस्वीर बदली है। पुलिस यहां के युवाओं को हर चीज के बारे में जानकारी दे रही है। इससे आने वाले समय में गढ़चिरौली को मजबूती मिलेगी। यही नहीं युवाओं को वेब डेवलपमेंट, कोडिंग और डिजिटल से जुड़ी बातें बताई जा रही हैं। इस जिले के युवा क्षेत्र के विकास में अपना पूरा योगदान दे पाएंगे। कई छात्र ऐसे हैं जो एआई की ट्रेनिंग लेने के बाद बताते हैं कि उन्हें पहले इसके बार में पता नहीं था। अब जब इसके बारे में अच्छी जानकारी मिली है तो वो इसके फायदे अपने भविष्य में आने वाली टेक्निकल परेशानियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें- मुंबई में भारी बारिश, सड़कें पानी से लबालब…ट्रेन की छतें भी टपक रहीं; देखें वीडियो