महाराष्ट्र के मुंबई में चल रहे मराठा आरक्षण के लिए हो रहे आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पूरा मुंबई ठप हो गया है। 2 सितंबर की शाम तक सभी सड़के खाली हो जाएं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि कैसे सड़कें खाली कराई जाएं। इसके पीछे की वजह बताते हुए कोर्ट ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं रहा और प्रदर्शनकारियों ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है।
मनमानी जगह दिया धरना
मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और गौतम अंकल के खंडपीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सिर्फ आजाद मैदान में धरना देने की अनुमति थी। लेकिन वे सभी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, चर्चगेट स्टेशन, मरीन ड्राइव और यहां तक कि हाईकोर्ट के बाहर भी जुट गए।
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मुंबई स्टेशन पर बढ़ी सुरक्षा
मराठा आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर रेलवे में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने कहा कि 350 लोगों को नियुक्त किया है। लगभग 240 लोग रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस से हैं, और लगभग 94 लोग महाराष्ट्र सुरक्षा बल से हैं। कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि यात्रियों को किसी भी चुनौती का सामना न करना पड़े। हमने प्रदर्शनकारियों से भी सावधानी बरतने की अपील की है।
मुंबई स्टेशन पर बढ़ रही गंदगी
आंदोलन के चलते मुंबई स्टेशन पर लगातार गंदगी बढ़ती जा रही है। इसपर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने कहा कि हमारे पास सफाई मानकों को बनाए रखने के लिए 200 से ज़्यादा सफाई कर्मचारी हैं। कहा कि मशीन का आकार और वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों के कारण हम मशीन से सफाई करने में असमर्थ हैं।
कोर्ट ने जाम पर जताई नाराजगी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे के समर्थकों से कहा कि हालात सुधारें और रास्ता खाली करें। आंदोलन की वजह से पैदा हुई जाम की स्थिति पर हाईकोर्ट ने कहा कि 2 सितंबर तक मुंबई की सभी सड़कें खाली हों। अदालत ने प्रदर्शनकारियों को साफ निर्देश दिया कि सिर्फ 5 हजार प्रदर्शनकारी मैदान में हों। बाकी सभी दोपहर 12 बजे तक जाएं।
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