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मुंबई

जम्मू कश्मीर से धारा 370 क्यों हटाई गई? सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस BR गवई ने बताया

Justice BR Gavai Statement: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने धारा 370 को लेकर बयान दिया है। उन्हें जम्मू कश्मीर से इसे हटाए जाने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का फैसला बरकरार क्यों रखा?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 29, 2025 10:08
CJI BR Gavai | Supreme Court | Article 370
शपथ ग्रहण करते हुए चीफ जस्टिस गवई और नितिन गडकरी।

Justice BR Gavai Statement: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने को बरकरार रखा, क्योंकि धारा 370 संविधान के खिलाफ थी। देश को एकजुट करने के लिए इसे हटाना अनिवार्य था। संविधान के निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर ने भी कहा था कि भारत को एकजुट रखने के लिए एक ही संविधान की जरूरत है। बता दें कि चीफ जस्टिस बीआर गवई तत्कालीन CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की 3 न्यायाधीशों वाली बेंच का हिस्सा थे, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था।

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नागपुर में कार्यक्रम में बोल रहे थे CJI गवई

दरअसल, चीफ जस्टिस गवई बीते दिन शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में ‘संविधान प्रस्तावना पार्क’ के उद्घाटन और लॉ कॉलेज में अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश रामकृष्ण गवई, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को हटाने के फैसले को बरकरार रखा, ताकि देश में केवल एक संविधान लागू रहे। डॉ बीआर अंबेडकर भी चाहते थे कि पूरे देश में एक ही संविधान लागू हो।

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अंबेडकर के भाषण का दिया था हवाला

चीफ जस्टिस गवई ने कहा कि जब भारतीय संसद ने धारा 370 को निरस्त किया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई तो सुनवाई के दौरान बेंच ने डॉ अंबेडकर के भाषण का हवाला दिया था। डॉ अंबेडकर ने कहा था कि अमेरिका में संघीय सरकार का एक संविधान है, जिसके शासन का दायरा समिति है। वहां हर राज्य का अपना संविधान भी है, जिसका दायरा अधिक है, लेकिन भारत देश को एकजुट रखने के लिए एक संविधान की जरूरत है। धारा 370 को निरस्त करने से पहले एक राज्य के लिए अलग संविधान डॉ अंबेडकर की विचारधारा के अनुरुप और अनुकूल नहीं था, इसलिए बेंच ने सर्वसम्मति से धारा को निरस्त करने संसद के फैसले को बरकरार रखा।

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भारतीय संविधान अमेरिका के संविधान जैसा नहीं

जस्टिस गवई ने कहा कि बेशक भारतीय संविधान संघीय है, लेकिन यह अमेरिका जैसा संविधान नहीं है। भारतीय संविधान संघीय होने के साथ-साथ एकात्मक भी है। जब संविधान बना, तब विरोधियों ने कहा कि युद्ध के समय देश एकजुट नहीं रह सकता, तब डॉ अंबेडकर ने जवाब दिया था कि भारतीय संविधान न तो बहुत ज्यादा केंद्रीय है और न ही बहुत ज्यादा संघीय है। सभी चुनौतियों का सामना करने में संविधान सक्षम है। यहीं केंद्रीय-संघीय संविधान युद्ध और शांति दोनों समय में देश को एकजुट रखेगा। भारतीय संविधान 75 साल का हो गया है और अगर हम पड़ोसी देशों के हालात देखें, चाहे वह पाकिस्तान हो, बांग्लादेश हो, नेपाल हो या श्रीलंका हो, हमारा देश चुनौतियों और संकटों का सामना करता रहा है और मजबूती से एक साथ खड़ा रहा है और एकजुट रहा है।

First published on: Jun 29, 2025 09:29 AM

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