Maharashtra malegaon blast case: महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए ब्लास्ट के मामले में आरोपी ने कोर्ट से जमानत नहीं दिए जाने की गुहार लगाई है। आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने स्पेशल NIA कोर्ट में कहा कि उसके पास मुंबई में घर नहीं है। वह रोजाना कोर्ट में होने वाली सुनवाई में हाजिर नहीं हो सकता है। मैं उत्तर भारत का रहने वाला हूं। इसलिए डे टू डे सुनवाई के लिए बयान रिकॉर्ड करवाने नहीं आ सकता हूं। लंबे समय से मुझे मुंबई में घर देखने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सीआरपीसी 313 के तहत बयान रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया कुछ दिन जल सकती है।
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सुधाकर की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में भी एटीएस अफसरों के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि उसको जांच के दौरान प्रताड़ित किया गया था। यह एप्लीकेशन 2013 में दाखिल की गई थी। 10 साल बीतने के बाद भी महाराष्ट्र होम मिनिस्ट्री आदेशों का पालन नहीं कर रही है। अब उसके दावे को लेकर वकीलों ने भी सहमति जताई है। अगर वह लोकल नहीं है, तो उसको सिर्फ डेली आने जाने के लिए हिरासत में नहीं लिया जा सकता। माना जा रहा है कि कोर्ट इस पर सोमवार को आदेश दे सकती है। शुक्रवार को भी मामले को लंबित रखा गया था।
6 लोगों की हुई थी मौत, 100 से अधिक हुए थे घायल
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी। 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। विस्फोट एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में हुआ था। इस मामले की जांच पहले एटीएस ने की थी, लेकिन बाद में जांच 2011 में एनआईए को सौंप दी गई थी। स्पेशल कोर्ट ने पिछले महीने ही गवाहों के बयान रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया शुरू की थी। मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिनके खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला चल रहा है। मामले में पांच साल की बात करें, तो 34 लोग गवाही से मुकर चुके हैं। 323 लोगों के बयान लिए जा चुके हैं।