---विज्ञापन---

मध्य प्रदेश

9 बेटियों ने पिता को दी मुखाग्नि, अर्थी को कंधा देता देख उमड़ पड़ा आंसुओं का सैलाब

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में बेटियों ने समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए बेटे का फर्ज निभाया है। उन्होंने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट पहुंचकर मुखाग्नि भी दी। श्मशान घाट में बेटियों को देकर लोग रो पड़े। समाज के लोगों ने कहा कि बेटियों से दूसरी महिलाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Feb 27, 2024 23:09
daughters offered funeral pyre
एमपी में बेटियों ने पिता का किया अंतिम संस्कार।

Madhya Pradesh News : सनातन धर्म में महिलाओं और बेटियों का श्मशान घाट जाना वर्जित माना गया है। मध्य प्रदेश में बेटियों ने न सिर्फ पिता की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि समाज की परंपराओं को तोड़ने हुए मुखाग्नि भी दी। श्मशान घाट में बेटियों को पिता का अंतिम संस्कार करते देख लोग रो पड़े।

यह मामला सागर जिले का है। एमपी पुलिस से रिटायर्ड हरिश्चंद्र अहिरवार जिले के उप नगरीय क्षेत्र मकरोनिया के वार्ड नंबर 17 में रहते थे। उनकी नौ बेटियां हैं, जिनमें से सात बेटियों की शादी हो चुकी हैं। रिटायर्ड पुलिसकर्मी हरिश्चंद्र अहिरवार ने बेटे की तरह ही अपनी बेटियों का पालन पोषण किया था। उनकी दो बेटियों की शादी होनी बाकी है, लेकिन उससे पहले ही ब्रेन हेमरेज से हरिश्चंद्र का निधन हो गया।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें : महाकाल की नगरी में बनेना देश का पहला ‘वीर भारत संग्रहालय’, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास

हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार

---विज्ञापन---

उनके निधन के बाद बेटियों ने हिंदू रीति रिवाज से पिता का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया। बेटियां शव यात्रा में शामिल हुईं और मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया। इस दौरान उन्होंने मुखाग्नि भी दी और अन्य क्रियाएं भी कराईं। बेटियों ने बेटे की तरह फर्ज निभाया। बेटियों ने इस तरह के कार्य से दूसरी महिलाओं को प्रेरणा दी है।

यह भी पढ़ें : MP: ससुराल में नवविवाहिता की मौत, शव लेकर थाने पहुंचे परिजनों का आरोप- दहेज लिए बेटी को मार डाला

अविवाहित दो बहनों की शादी का उठाया जिम्मा

नौ में दो बहनों रोशनी और गुड़िया की अभी शादी नहीं हुई है, जबकि विवाहित बहनों में वंदना, अनीता, तारा, जयश्री, कल्पना, रिंकी और दुर्गा शामिल हैं। बेटी वंदना का कहना है कि हमारा कोई भाई नहीं है, लेकिन पिता ने हमेशा हमलोगों का लालन पालन बेटे की तरह किया था। इस पर समाज के लोगों ने बेटियों पर गर्व करते हुए कहा कि बेटे ही सबकुछ नहीं होते हैं।

HISTORY

Edited By

Deepak Pandey

First published on: Feb 27, 2024 11:09 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें