MP Assembly Election: मध्य प्रदेश की सत्ता की चाबी कहे जाने वाले ग्वालियर चंबल अंचल में सियासी घमासान तेज हो गया है। ग्वालियर चंबल में शिवराज और केजरीवाल के मेगा शो के बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी एक बड़ी सभा करने वाली हैं। कांग्रेस का दावा है कि प्रियंका गांधी की सभा में एक लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे। वहीं बीजेपी प्रियंका की सभा से कोई फर्क नहीं पड़ने का दावा कर रही है।
22 जुलाई को होगी प्रियंका गांधी की सभा
ग्वालियर चंबल में सीएम शिवराज और अरविंद केजरीवाल के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का बड़ा जलसा होने वाला है। प्रियंका गांधी 22 जुलाई को सिंधिया के गढ़ में सभा के जरिए चुनावी बिगुल फूकेंगी। ग्वालियर में होने वाली प्रियंका गांधी की सभा को लेकर कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है।
अरुण यादव बोले अब एमपी की बारी है
प्रियंका गांधी की सभा को लेकर ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं ने डेरा डाल लिया है, आज ग्वालियर में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. श्रीनिवास, पूर्व PCC चीफ अरुण यादव, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अरुण यादव का दावा है कि प्रियंका गांधी की मेहनत से कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस जीती है, अब MP की बारी है, यहां 160 सीट जीतकर कांग्रेस सरकार बनाएगी। साथ ही राजस्थान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस फिर से जोरदार कामयाबी हासिल करेगी।
बीजेपी का पलटवार
अरुण यादव के दावे पर बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि ‘ग्वालियर चंबल में कांग्रेस 34 में 27 सीटें जीतने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस के दावे पर BJP ने तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर चंबल अंचल हमेशा से भाजपा का गढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका और राहुल गांधी ने पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन नतीजा ये रहा कि प्रियंका की मेहनत के बाद भी कांग्रेस ने 403 में से 2 सीटें ही जीती थी। MP में प्रियंका का असर नहीं है।
ग्वालियर-चंबल पर बीजेपी-कांग्रेस का फोकस
दरअसल, ग्वालियर-चंबल पर बीजेपी और कांग्रेस ने फोकस बना रखा है। 2018 में कांग्रेस ने 34 में से 26 सींटें जीती थी। 2020 में सिंधिया की बगावत के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी, उप चुनाव के ग्वालियर चंबल की 34 सीटों पर BJP और कांग्रेस 17- 17 पर काबिज़ हो गई है। 2023 में MP में सरकार बनाने में ग्वालियर चंबल की अहम भूमिका रहेगी, यही वजह है कि कांग्रेस और BJP दोनों ही ग्वालियर चंबल में जोर लगा रही है।