MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों का जबरदस्त का आंतक है। शहर के आम से लेकर खास सभी इलाकों में आवारा कुत्ते आम लोगों पर हमला कर रहे हैं। इस साल एक जनवरी से 10 अप्रैल तक शहर के तीन सरकारी अस्पतालों में आवारा कुत्तों का शिकाए हुए 9867 लोग इलाज करवाने पहुंचे है। वहीं बढ़ती गर्मी में भोजन और पानी ना मिलने के चलते कुत्ते आक्रमक होकर लोगों पर हमला कर रहे हैं।
आम लोगों को बना रहे निशाना
ग्वालियर में आवारा कुत्ते आम से लेकर खास इलाकों में लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं, ग्वालियर के ललितपुर कॉलोनी इलाके में रहने वाले राम बाबू प्रजापति की बेटी को रविवार शाम आवारा कुत्तों ने दबोच लिया। जब उसे बचाने के लिए दूसरी बेटी कुत्ते से भिड़ी तो उस पर भी हमला कर दिया। महाराजबाड़ा इलाके में रहने वाली बच्ची मीनू खेलने के लिए घर से निकली थी, इस दौरान सड़क पर जा रहे आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। आवारा कुत्ते ने सलोनी के पैरों को जख्मी कर दिया। कुछ समय पहले ही मीनू की छोटी बहन को भी आवारा कुत्ते काट लिया था।
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हैरान करने वाले आंकड़े
आवारा कुत्तों के आतंक के हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। ग्वालियर शहर में एक जनवरी से 10 अप्रैल तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 3 बड़े सरकारी अस्पतालों में 9867 लोग कुत्तों का शिकार होकर रेबीज का एंटीडोज लगवाने पहुंचे हैं। कुत्तों का शिकार हुए यह आंकड़ा उन लोगों का है जो ग्वालियर के 3 बड़े अस्पतालों में पहुंचे हैं, इसके अलावा भी हजारों की तादाद में ऐसे लोग हैं जो कुत्तों का शिकार होने के बाद निजी अस्पतालों में या फिर देहात के सरकारी अस्पतालों में पहुंचे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि गर्मी के आवारा कुत्ते हिंसक होकर हमला कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंजेक्शन और दवाएं उपलब्ध है।
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आवारा कुत्तों की संख्या 50 हजार
खास बात यह है कि ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों की आबादी भी 50 हजार के पार पहुंच चुकी है। कुत्तों के बढ़ते आंतक से महिला, बच्चें और बुजुर्गों की जान आफत में है,लेकिन निगम और जिला प्रशासन आवारा कुत्तों की धरपकड़ को लेकर कोई ठोस कदम नही उठा पा रहा है। जिसके चलते डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।
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