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‘मानवता का संकल्प सिकल सेल मरीजों की सेवा करना है’, बोले MP के राज्यपाल मंगुभाई पटेल

National Mission for Elimination of Sickle Cell Anemia: राज्यपाल मंगुभाई पटेल से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रतिनिधियों ने राजभवन में भेंट की।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Oct 24, 2024 16:29
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National Mission for Elimination of Sickle Cell Anemia
National Mission for Elimination of Sickle Cell Anemia

National Mission for Elimination of Sickle Cell Anemia: राज्यपाल मंगुभाई पटेल से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रतिनिधियों ने राजभवन में भेंट की। प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय सिकल सेल मिशन के तहत दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रतिभागी शामिल थे।

प्रतिभागियों में राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सीनियर मैनेजर और सिकल सेल रोग विशेषज्ञ शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल में महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडू राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चन्द गुप्ता भी मौजूद थे।

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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सरकारी सेवा की अधिकारिता मानव धर्म के पालन का सुअवसर है। आवश्यकता संवेदनशील सहानभूतिपूर्ण दृष्टिकोण की है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी मध्य प्रदेश के राज्यपाल के दायित्व का इसी भाव भावना के साथ पालन कर रहे हैं।

उनकी मानवता का संकल्प सिकल सेल रोगियों की सेवा है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल रोग के संबंध में जन जागृति पर फोकस किया जाना चाहिए। स्क्रीनिंग कराने, गर्भावस्था और नवजात शिशु की जांच कराने के बारे में समुदाय की बोली में बताया जाए।

विवाह से जुड़ी हिदायतों के बारे में भी जन-जागरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल रोग उपचार की संभावनाओं में आयुर्वेद और होम्योपैथी की भूमिका का भी प्रमाणीकरण किया जाना जरूरी है।

पॉयलेट प्रोजेक्ट से हो रहा काम 

प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास ने प्रतिनिधि मंडल को हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में साल 2021 से मिशन के तहत काम किए जा रहे है। कार्य का प्रारंभ अलीराजपुर और झाबुआ जिलों में पॉयलेट प्रोजेक्ट से किया गया है।

प्रोजेक्ट के अनुभवों के आधार पर स्क्रीनिंग के लिए आयु सीमा को बढ़ाया गया। नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं की जांच और स्कूल, आंगनवाड़ी, छात्रावास और महाविद्यालयों के साथ समुदाय के बीच जाकर पीओसी किट के द्वारा स्क्रीनिंग करने की व्यवस्थाएं की गई।

उन्होंने बताया की समुदाय की जेनेटिक काउंसलिंग के लिए कार्ड तैयार कराकर डिस्ट्रीब्यूटेड किए जा रहे है। काउंसलिंग ग्रुप का गठन किया जा रहा है। सिकल सेल रोगियों के स्वास्थ्य की रेगुलर देखभाल के लिए उपचार कार्ड भी प्रदान किए जा रहे है।

उन्होंने बताया की केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से सिकल सेल रोग कॉम्प्लिकेशन के उपचार के लिए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में और नवजात शिशु की जांच के सेंटर ऑफ कॉम्पीटेंस मेडिकल कॉलेज इंदौर में विकसित किए जा रहे हैं।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Oct 24, 2024 04:29 PM

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