Mohan Yadav Madhya Pradesh CM: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव महाकाल की नगरी उज्जैन से आते हैं। साउथ विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर सीएम की कुर्सी तक का सफर तय करने वाले मोहन यादव के सामने अब नई समस्या खड़ी हो गई है।
दरअसल, महाकाल की नगरी का नियम है कि यहां कोई राजा बनकर नहीं रह सकता क्योंकि इसके राजा स्वयं महादेव हैं। इस वजह से कोई वीवीआईपी या महत्वपूर्ण पद पर रहने वाला व्यक्ति यहां रात को नहीं रुक सकता। यदि कोई वीआईपी रात में रुकता है तो उसके साथ अनहोनी हो सकती है।
बेटा बनकर रह सकते हैं मोहन यादव
उज्जैन के पुजारियों का मत है कि मोहन यादव शहर में बेटा बनकर ही रह सकते हैं, उन्हें सीएम बनकर नहीं रहना होगा। यानी एक दिन के लिए वीवीआईपी सुविधा छोड़नी पड़ सकती है। चूंकि महाकाल खुद उज्जैन के राजा हैं, ऐसे में यहां कोई दूसरा राजा नहीं रह सकता।
मप्र के नवघोषित मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी को बधाई, शुभकामनाएं….!!
---विज्ञापन---*क्या कोई सनातनी यह बताएगा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में अब दो राजा कैसे रहेंगे*…..?
— KK Mishra (@KKMishraINC) December 11, 2023
शहर से दूर बना सकते हैं घर
माना जाता है कि जब भी कोई उज्जैन का राजा बना, तो अगले ही दिन उसकी मौत हो गई। प्राचीन मान्यता के अनुसार राजा विक्रमादित्य ने इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की थी। उन्होंने उज्जैन के शासकों को शहर से दूर रखने की परंपरा बनाई। जिसका पालन आज भी होता है। सिंधिया परिवार का एक घर शहर से करीब 15 किलोमीटर बना है।
मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी का धन्यवाद, ह्रदय से आभार। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी , आदरणीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी एवं पार्टी के समस्त नेताओं,…
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) December 11, 2023
सत्ता से बाहर होने का खतरा
यहां राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कोई भी रात नहीं गुजारता। उज्जैन की रात गुजारने पर सत्ता से बाहर होने का खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने और महाकाल के दर्शन करने आए तो अगले ही दिन उनकी सरकार चली गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को लेकर भी ऐसी ही चर्चा रही। कहा जाता है कि उन्होंने एक रात उज्जैन में बिताई थी। इसके बाद महज 20 दिन के अंदर उन्हें इस्तीाफ देना पड़ा।
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