MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में आज 7 नए जजों ने शपथ ली, मुख्य न्यायधीश रवि मलिमठ ने सातों न्यायाधीशो को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, इस शपथ ग्रहण के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नए जजों की संख्या 37 हो गई है। हालांकि अभी भी हाईकोर्ट में जजों की कमी है।
17 जजों की कमी
बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत पदों की संख्या 53 हैं, जबकि इन सात नए जजों के बाद यह संख्या 37 हो गई है। उस हिसाब से अभी भी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में 17 जजों की कमी है, आज जिन जजों ने शपथ ली है वह इस तरह है।
जस्टिस रमेश चंद्र वैष्णव
जस्टिस रुपेश चंद्र वैष्णव, 28 सितंबर, 1987 से वो न्यायिक सेवा में शामिल हुए। मध्य प्रदेश में हाई कोर्ट के ज्यूडिशियल सर्विस के सीनियर मेंबर रहे हैं। मूलतः उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले रुपेश चंद्र ने बीए की पढ़ाई के बाद वकालत की पढ़ाई की है। इसके बाद वह न्यायिक सेवा से जुड़ गए।
जस्टिस अनुराधा शुक्ला
जस्टिस अनुराधा शुक्ला 17 सितंबर,1990 को न्यायिक सेवा में शामिल हुईं और मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा की सदस्य रहीं। न्यायिक कार्रवाई और गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर कॉलेजियम ने अनुराधा शुक्ला को हाईकोर्ट जज की नियुक्ति के लिए उपयुक्त माना।
जस्टिस संजीव सुधाकर कलगांवकर
जस्टिस संजीव सुधाकर कलगांवकर ने 24 मई, 1994 को न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था। 23 फरवरी 1970 को जन्मे संजीव सुधाकर का 1992 में 22 साल की उम्र में मध्यप्रदेश में सेवा के लिए चयन हुआ था। साल 2006 में 36 वर्ष की आयु में संजीव सुधाकर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा पास की। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के छोटे से शहर बैहर से आते है।
जस्टिस प्रेम नारायण सिंह
जस्टिस प्रेम नारायण सिंह 16 जुलाई 1990 से न्यायिक सेवा में शामिल हुए। नारायण सिंह मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सीनियर मेंबर भी रहे हैं। उन्हें भी आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने शपथ दिलाई।
जस्टिस अचल कुमार पालीवाल
जस्टिस अजय कुमार सोनी बोल ने 14 जुलाई 1990 से न्यायिक सेवा की शुरुआत की। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सर्विस के सीनियर मेंबर भी रहे हैं। उन्होंने भी नए जज के तौर पर शपथ ली।
जस्टिस हिरदेश
जस्टिस दे जस्टिस हिरदेश ने 5 जुलाई 1990 से अपने नए सेवा की शुरुआत की। आप मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक सर्विस में भी मेंबर रहे।
जस्टिस अरविंद्र कुमार सिंह
जस्टिस अरविंद कुमार सिंह ने 21 मई 1990 को न्यायिक सेवा की शुरुआत की। आप मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक सर्विस में मेंबर के तौर पर भी रहे।
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सात नाम सुप्रीम कोर्ट यानि उच्च न्यायलय के कॉलेजियम को भेजे थे। जिन पर विचार करने के बाद 13 अप्रैल को इन्हें मंजूरी दी गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इन सभी को जज बनाने की अनुशंसा की थी।